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________________ क्रं० ग्रन्थकार का नाम एवं काल १५. महावीर ( ८५० ई०) जैन दर्शन में निहित वैज्ञानिक तत्व १६. कुमुदेन्दु (८६०-८८० ई०) १७. निवृत्तिकुलीन शीलांक (९ वीं शती ई०) नव अंगों की टीकायें १८. नेमिचन्द्र सिद्धांतचक्रवर्ती (१०-११वीं श०ई० ) २२. अभयदेवसूरि (१०१५-१०७८ ई०) २३. मलधारी हेमचन्द्रसूरि (११०७ ई० ) २४. मलयगिरि (१०८०-११७२ ई०) २५. राजादित्य (११२० ई० ) गोम्मटसार, त्रिलोकसार, लब्धिसार, क्षपणासार, बृहद्धारा परिकर्म (अनुपलब्ध) १९. माधवचन्द्र त्रैविद्य (१०-११वीं श०ई०) षट्त्रिंशिका, ( षट्त्रिंशतिका) त्रिलोकसार आदि की टीका २०. पद्मनन्दि-प्रथम (९७७-१०४३ श०ई०) जम्बुद्दीवपण्णत्तिसंगहो २१. अमितगति - द्वितीय (११वीं श०ई०) Jain Education International : गणितीय दृष्टि से महत्वपूर्ण कृतियाँ गणितसार संग्रह आदि गणितीय दृष्टि से महत्वपूर्ण कृतियाँ सिरिभूवलय २३ चन्द्रप्रज्ञप्ति, सार्द्धद्वयप्रज्ञप्ति, व्याख्या प्रज्ञप्ति ९ आगमों की टीकायें अनुयोगद्वार वृत्ति, विशेषावश्यक भाष्यवृत्ति सूर्यप्रज्ञप्ति, चन्द्र प्रज्ञप्ति, जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति आदि ग्रंथों की टीकायें व्यवहार गणित, क्षेत्र गणित, व्यवहार रत्न, जैन गणित सूत्रोदाहरण, चित्रहसुगे, लीलावती गणित तिलक टीका २६. काशहृदगच्छीय सिंहतिलकसूरि (१३वीं श०ई०) २७. ठक्कर फेरु (१२६५ - १३३० ई०) गणितसार कौमुदी २८. महिमोदय (१६६५ ई०) गणित साठसौ ३०. हेमराज (१६७३ ई० ) गणितसार ३१. तेजसिंह (१७वीं श०ई० ) इष्टांक पंचविशंतिका ३२. पं० टोडरमल (१७४० - १७६७ ई०) गोम्मटसार, त्रिलोकसार आदि पर सम्यग्ज्ञान चन्द्रिका टीका For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525052
Book TitleSramana 2004 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
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