SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 201
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ साहित्य सत्कार : १९५ श्री दशवैकालिकसूत्रम् व्याख्याकार - आचार्य आत्माराम जी महाराज; संपादक - आचार्य शिवमुनिजी म.सा०; प्रकाशक पूर्वोक्त; द्वितीय संस्करण २००३ ई०; आकार - रायल; पक्की बाइंडिंग; पृष्ठ ५४+४९१; मूल्य - ३००/- रुपये। श्री आचाराङ्गसूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कन्ध) व्याख्याकार - आचार्य आत्माराम जी महाराज; संपादक - आचार्य शिवमुनिजी म० सा०; प्रकाशक - पूर्वोक्त; द्वितीय संस्करण २००३ ई०, आकार - रायल; पक्की बाइंडिंग; पृष्ठ ८०+९३१; मूल्य ६००/- रुपये। श्री साध्वाचारसमुच्चयप्रकरणम् रचयिता - श्री नयवर्धनविजय गणि; प्रकाशक - श्री भारतवर्षीय जिनशासन सेवा समिति; प्राप्ति स्थान - श्री सतीश भाई वी० जरीवाला, ७ श्यामकुंज, ८५, बालकेश्वर रोड, मुम्बई ४०० ००१; आकारपाकेट साइज, प्रथम संस्करण - वि०सं० २०५५; पृष्ठ ८+४४; मूल्य- २५/- रुपये। शमामृतम् अनुवादक - मुनिश्री प्रशमरतिविजय जी, प्रकाशक - प्रवचन प्रकाशन, ४८८, रविवार पेठ, पूना ४११ ००२; आकार - डिमाई; पृष्ठ ४+२४; मूल्य - १०/- रुपये। श्री तीर्थंकर पंचकल्याणक विधान रचयिता - श्री राजमल जी पवैया; प्रकाशक श्री भरत पवैया, संयोजक - श्री तारादेवी पवैया, ग्रन्थमाला, ४४, इब्राहिमपुरा, भोपाल, प्रथम संस्करण ००४ ई०, आकार - डिमाई, पृष्ठ ५६; मूल्य- १०/- रुपये। जगदुद्धारक भगवान् महावीर लेखक - श्री राजमल जी पवैया; प्रकाशकपूर्वोक्त; आकार- डिमाई; प्रथम संस्करण २००४ ई०, पृ० १६; मूल्य - पठन-पाठन। श्री मल्लिनाथ पंचकल्याणक विधान रचनाकार श्री राजमल पवैया; प्रकाशक - पूर्वोक्त; आकार - डिमाई; प्रथम संस्करण २००३ ई०; पृष्ठ ६४; मूल्य- १०/- रुपये। श्री अरहनाथ पंचकल्याणक विधान रचनाकार श्री राजमल पवैया; प्रकाशकपूर्वोक्त; आकार - डिमाई; प्रथम संस्करण २००३ ई०; पृष्ठ ६४; मूल्य- १०रुपये नित्यपाठ अपूर्व अवसर रचनाकार श्री राजमल पवैया; प्रकाशक - पूर्वोक्त; संस्करण २००४ ई०; आकार - पाकेट साइज; पृष्ठ ३२; मूल्य - पठन-पाठन। संगीतिका (भजन संग्रह) स्व० गुलाबरानी जैन (धर्मपत्नी प्रो० लक्ष्मीचन्द जैन) की पुण्यस्मृति में प्रकाशित १७ भजनों का संकलन; प्रका० - गुलाबरानी कर्म साइन्स म्यूजियम, दीक्षा ज्वेलसे, सराफा, जबलपुर ४८२ ००२। __ उपदेशतरंगिणी रचनाकार - रत्नमंदिर गणि; संपा० मुनि नयवर्धन विजयजी, प्रकाशक - श्री भारतवर्षीय जिनशासन सेवा समिति, प्राप्ति स्थान - संयम सुवास Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525052
Book TitleSramana 2004 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2004
Total Pages298
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy