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भव्य शिलान्यास एवं गुरु पुष्कर जन्म जयन्ती समारोह सम्पन्न
उदयपुर २६ अक्टूबर : साधना के शिखरपुरुष उपाध्यायश्री पुष्कर मुनि जी म०सा० की ९२वीं जयन्ती के अवसर पर सोमवार को भुवाणा- उदयपुर में आचार्यसम्राट श्री देवेन्द्रमुनि जी म०सा० की स्मृति में जैनाचार्य श्री देवेन्द्रमुनि शिक्षण एवं चिकित्सा शोध संस्थान का शिलान्यास समारोह सम्पन्न हुआ। शिलान्यास श्री वीरेन्द्र डागी एवम् उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी डागी ने किया। समारोह की अध्यक्षता श्रीधनसुखभाई अश्विनभाई दोशी, मुम्बई ने की और मुख्य अतिथि के रूप में लुधियाना के प्रसिद्ध उद्यमी श्री विजयकुमार जैन उपस्थित थे। सम्पूर्ण कार्यक्रम श्री दिनेशमुनि जी, श्री जिनेन्द्र मुनिजी, श्री सुभाषमुनि जी, श्री पुष्पेन्द्रमुनि, श्री दीपेन्द्रमुनि, महासती श्री पुष्पावती जी म० सा०, महासती श्री सुप्रियदर्शना जी, महासती रुचिका जी एवं महासती साध्वी रत्नज्योति जी के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ।
'अचलगच्छ का इतिहास' का विमोचन सम्पन्न नगपुरा २८ अक्टूबर : डॉ० शिवप्रसाद द्वारा लिखित और पार्श्वनाथ विद्यापीठ एवं प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित अचलगच्छ का इतिहास नामक शोध-ग्रन्थ का विमोचन अचलगच्छ संघ के पूज्य आचार्य श्री कलाप्रभसागर जी म.सा. के सानिध्य में उवसग्गहरंतीर्थ, नगपुरा, जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़) में आयोजित एक समारोह में ज्ञानज्योति प्रज्वलित कर उपस्थित अतिथियों के हाथ सम्पन्न हुआ।
गाजियाबाद २८ अक्टूबर : कविनगर स्थित जैन स्थानक-पुप्फभिक्खु भवन में श्रमणसंघ के तृतीय पट्टधर स्व० आचार्य देवेन्द्रमुनि जी म.सा. की जयन्ती रविवार २८ अक्टूबर को गरिमा के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर श्री नरेश मुनि जी म.सा. ने अपने ज्येष्ठ गुरुभ्राता आचार्यश्री के सद्गुणों की चर्चा करते हुए कहा कि वे विनय की प्रतिमूर्ति थे। इसी अवसर पर महासती डॉ० दर्शनप्रभा श्रीजी, मुनि शालिभद्र, मुनि मणिभद्र एवं महासतीवृन्द ने भी आचार्यश्री को अपनी भावपूर्ण शब्दावली से श्रद्धासुमन अर्पित किया।
विश्वशान्ति महावीर विधान सम्पन्न नयी दिल्ली २९ अक्टूबर : गणिनीप्रमुख आर्यिकारत्न ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा से उन्हीं के सानिध्य में विश्वशान्ति महावीर विधान समारोह २१-२८ अक्टूबर के मध्य फिरोजशाह कोटला मैदान, नयी दिल्ली में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। समारोह का उद्घाटन केन्द्रीय कपड़ा राज्य मन्त्री श्री वी० धनञ्जयकुमार ने किया। ८
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