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________________ १३२ मरुधरकेशरी मिश्रीमल जी म.सा. की जयन्ती सम्पन्न उदयपुर १४ अगस्त : श्रमणसंघीय प्रवर्तक श्री रूपचन्द जी म.सा. की पावन निश्रा में मरुधर केशरी स्व० श्री मिश्रीमल जी म० सा० की ११०वीं जयन्ती दि० १४ अगस्त को उदयपुर नगरी में नशानिषेधदिवस के रूप में मनायी गयी जिसमें स्थानकवासी संत-संतियों के साथ-साथ दिगम्बर आचार्य श्री कनकनन्दी जी महाराज एवं महन्त श्री मुरलीमनोहर शरण शास्त्री जी ने भी भाग लिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित थे। प्रवास कार्यक्रम सम्पन्न जयपुर १६ अगस्त : अखिल भारतीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कान्फ्रेन्स के राजस्थान प्रान्त के अध्यक्ष श्री उमरावमल जी चौरड़िया के नेतृत्त्व में ५ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर विराजित प्रदेश के विभिन्न संत-संतियों से मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद ग्रहण करने के उद्देश्य से ४ दिवसीय प्रवास कार्यक्रम निर्धारित किया जिसके अनुसार ११-१.२ अगस्त को माउण्ट आबू, १३ अगस्त को उदयपुर एवं १४ अगस्त को भीलवाड़ा का दौरा कर उन स्थानों पर विराजित संत-सतियों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। बद्रीनाथ तीर्थ पर आदिनाथ भगवान् की प्रतिष्ठा स्थागित । बद्रीनाथ : श्री आदिनाथ निर्वाण कल्याणक ट्रस्ट द्वारा बद्रीनाथ में होने वाली प्रतिष्ठा, जो कि पहले ११ अगस्त को व बाद में १४ अगस्त को होनी तय हुई थी, बद्रीनाथ क्षेत्र में प्रतिष्ठा के विरुद्ध होने वाले आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए फिलहाल रद्द की गई है। ज्ञातव्य है कि वहाँ के कुछ स्थानीय तत्त्वों एवं कुछ साधु संन्यासियों द्वारा जन आंदोलन का नाम देकर मूर्ति स्थापना का विरोध किया जा रहा है व इसके विरोध में आत्मदाह तक की धमकी दी जा रही है। हालांकि आदिनाथ निर्वाण कल्याणक ट्रस्ट अपनी स्वयं की भूमि पर, वैधानिक प्रावधानों के अधीन स्वीकृत नक्शे पर प्रार्थनागृह बनवाकर उसमें आदिनाथ भगवान् की मूर्ति स्थापित करना चाहता था पर फिर भी कथित विरोध को देखते हुए प्रतिष्ठा अभी स्थगित कर दी गई है। मूर्ति वर्तमान में हरिद्वार में चिन्तामणि पार्श्वनाथ तीर्थ पर दर्शन-पूजन हेतु विराजमान है। पूज्य गुरुदेव मुनिराज श्री जम्बू विजयजी म.सा० एवं साधु-साध्वी गण चातुर्मास हेतु बद्रीनाथ धाम स्थित, आदिनाथ निर्वाण कल्याणक द्वारा संचालित धर्मशाला में ही विराज रहे हैं। उनकी धर्माराधना सुख-शान्ति पूर्वक चल रही है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525041
Book TitleSramana 2000 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year2000
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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