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गति पशु नरक नहीं जावे, नसीबां वर भवी पावे..५ ___ कहे लब्धि विपद आवे, तथापि नैव गभरावे गिने नवकार शुभ भावे, नसीबां वर भवी पावे..६
मोह से तेरा कमाया, धन यहां रह जायगा प्रेम से अति पुष्ट किया, तन जलाया जायगा प्रभु भजन की भावना बिन परलोक में क्या पायगा? कुछ कमाइ यहां न कीनी, खाली हाथे जायगा..१ जन्म मानव का अपूरव, पा के कर जग का भला मत गला घोंटो किसी का जीवन यह उड़ जायगा
झूठ छोड़ो चोरी छोड़ो छोड़ दो परदार को माया ममता को तजो तब, मुक्त हो झट जायगा..२ तन फना है धन फना है, स्थिर कोइ जगमें नहि __ प्राण प्यारा पुत्र दारा, सब यहां रह जायगा ज्ञान धर ले ध्यान धर ले, चरण में कर ले रुचि, चपल जग की सब ही बाजी, छिनक में उड़ जायगा..३
मात नहि है तात नहि है, सुत नहि तेरा सगा
स्वार्थ से सब अपने होते, अन्त में देते दगा मोह से क्यों मर रहा है, ध्यान से कर मन सफा तप करी लो जप करी लो, भजन कर ले लो नफा..४
एकिला यहां पे तुं आया, एकिला ही जायगा
क्यों बुरे तूं कर्म करता, नरक में दुःख पायगा ___ वीर जिन उपदेश देते जो यह दिल में छायगा आत्म कमले लब्धि लीला, जल्दी वो नर पायगा..५
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