________________
Jain Education International
१४७८
--
--
शत्रु
४२.
१४८२
वैशाख वदि ४ गुरुवार
सागरचन्द्रसूरि
त्रुटित परिकर का जिनदत्तसूरि दादाबाडी, मुनि कान्तिसागर, सम्पा०का लेख पालिताना
शत्रुञ्जयवैभव, लेखाङ्क ६३ संभवनाथ की वीरचैत्यार्तगत लोढ़ा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क प्रतिमा पर उत्कीर्ण आदीश्वरचैत्य, थराद १६४ लेख धर्मनाथ की धातु- चिन्तामणिपार्श्वनाथ नाहटा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क प्रतिमा का उत्कीर्ण जिनालय, बीकानेर लेख संभवनाथ की धातु- चन्द्रप्रभ जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त- भाग-३ प्रतिमा पर उत्कीर्ण जैसलमेर
लेखाङ्क २२९७
४३.
१४८२
तिथिविहीन
वीरप्रभसूरि
७२१
For Private & Personal Use Only
१४८४
वैशाख वदि ११ धर्मशेखरसूरि रविवार
लेख
४५.
पिप्पलगच्छ का इतिहास
धर्मसागरसूरि
१४८४
कुन्थुनाथ की प्रतिमा वीरचैत्यान्तर्गत लोढा, पूर्वोक्त - लेखाङ्क पर उत्कीर्ण लेख आदीश्वर चैत्य, थराद १८६ आदिनाथ की धातु- शांतिनाथ देरासर, मुनि बुद्धिसागर - पूर्वोक्त, प्रतिमा पर उत्कीर्ण कनासानो पाडो, पाटण भाग-१, लेखाङ्क ३६४।
४६. १४८४
वैशाख सुदि ८ शुक्रवार
सोमचन्द्रसूरि
www.jainelibrary.org
लेख
: ७७