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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारी गच्छ के मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित तीर्थङ्कर प्रतिमाओं पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण इस गच्छ के मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित १०० से अधिक सलेख जिनप्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं, जो वि० सं० ११९० / ई० सन् १९३४ से वि० सं० १६९९ / ई० सन् १६४३ तक की हैं। इनका विवरण इस प्रकार है क्रमांक तिथि / मिति १ ११९० ४. २. १२३४ . वदि २ प्रतिष्ठापक आचार्य प्रतिमालेख / स्तम्भलेख प्राप्तिस्थान या मुनि का नाम ३ पूर्णचन्द्रसूरि १२५९ वैशाख सुदि ३ देवाणंदसूरि बुधवार १२८८ फाल्गुन सुदि १० नरचन्द्रसूरि बुधवार १२८८ फाल्गुन सुदि १० नरचन्द्रसूरि ४ जिनप्रतिमा पर उत्कीर्ण खंडित लेख पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख स्तम्भलेख स्तम्भलेख ५. चीराखाना स्थित जैनमन्दिर, दिल्ली धर्मनाथ का पंचायती मन्दिर, बड़ा बाजार, कलकत्ता वस्तुपाल द्वारा निर्मित आदिनाथ जिनालय, गिरनार " संदर्भग्रन्थ ६ एम० ए० ढांकी और लक्ष्मणभोजक "शत्रुंजयगिरिना केटलाक अप्रकट प्रतिमालेखो सम्बोधि, वर्ष ७, अंक १-४, पृष्ठ १३–२५, लेखाङ्क ५ जैन लेख संग्रह, भाग-२, लेखाङ्क १८७५ वहीं, भाग १, लेखाङ्क ८९ प्राचीन जैन लेख संग्रह, भाग-२, लेखाङ्क ३९ वहीं, लेखाङ्क ४०
SR No.525026
Book TitleSramana 1996 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1996
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size6 MB
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