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________________ 38 Jain Education International उपकेशगच्छ (द्विवंदणीक विवंदणीक शाखा) से सम्बद्ध अभिलेखीय साक्ष्यों का विवरण १ २ १. १३३४ ज्येष्ठ वदि २ सोमवार सिद्धसूरि । For Private & Personal Use Only २. १४४७ फाल्गुन सुदि ८ रत्नप्रभसूरि सोमवार श्रेयांसनाथ की अजितनाथ बुद्धिसागर, प्रतिमा का लेख जिनालय, पूर्वोक्त भाग १, वीरमगाम लेखांक १५११ अजितनाथ की चौसठियाजी विनयसागर, पंचतीर्थी प्रतिमा का मंदिर, पूर्वोक्त का लेख नागौर लेखांक १७३ जिनप्रतिमा जैन देरासर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्तबनवाने का सौदागर पोल, भाग १, उल्लेख अहमदाबाद लेखांक ७९६ शीतलनाथ की चिन्तामणि विनयसागर, पूर्वोक्तपंचतीर्थी प्रतिमा पार्श्वनाथ देरासर, लेखांक ३७२ का लेख अहमदाबाद ३. १४७९ पौष वदि ५ सोमवार देवगुप्तसूरि श्रमण, जुलाई-सितम्बर, १९९१ ४. १५०३ श्री . ...सेनसूरि माघ सुदि ७ बुधवार www.jainelibrary.org
SR No.525007
Book TitleSramana 1991 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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