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________________ Jain Education International उपकेशगच्छ का संक्षिप्त इतिहास For Private & Personal Use Only १३६. १५२० वैशाख वदि ५ ककुदाचार्यसन्तानीय आदिनाथ की सुमतिनाथ मुख्य बुद्धिसागर, कक्कसूरि प्रतिमा बावन जिना- पूर्वोक्त भाग २, का लेख लय, मातर लेखांक ४७५ १३७. १५२० वैशाख सुदि ५ ॥ चन्द्रप्रभ की माणिकसागरजी विनयसागर, बुधवार पञ्चतीर्थी प्रतिमा का मंदिर, पूर्वोक्त का लेख कोटा लेखांक ६०४ १३८. १५२० मार्गशीर्ष वदि १२ ॥ आदिनाथ नाहर, जिनालय, पूर्वोक्त भाग २, नागौर लेखांक १२७१ १३९. १५२१ वैशाख सुदि १० ककुदाचार्यसन्तानीय शान्तिनाथ की पञ्चायती जैन वही, सिद्धसूरि के पट्टधर चौबीसी मन्दिर, लस्कर, भाग २ कक्कसूरि प्रतिमा का लेख ग्वालियर लेखांक १३८९ १४०. १५२२ पौष वदि १ शीतलनाथ की वीर जिनालय, लोढ़ा, गुरुवार धातु की थराद पूर्वोक्त प्रतिमा का लेख लेखांक ४० १४१. १५२२ माघ सुदि २ ककुदाचार्यसंतानीय अजितनाथ की शांतिनाथ जिनालय, मुनिविशालविजय, कक्कसूरि धातु की खजूरीनी शेरी, पूर्वोक्त पंचतीर्थी प्रतिमा राधनपुर लेखांक २४४ का लेख गुरुवार www.jainelibrary.org १०१
SR No.525007
Book TitleSramana 1991 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
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