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इसी प्रकार कांचीपुरम् का एक नेलक दक्षिणापथ के दो रुपयों के बराबर तथा कुसुमपुर (पाटलिपुत्र ) का एक रुपया दो नेलक मूल्य वाला होता था । 2 ईसा की चौथी से छठी शताब्दी में भारतवर्ष में कौड़ी, नाणक (तांबे का सिक्का), चम्मलात (भिल्लमाल का चांदी का सिक्का), नार एवं केवरात आदि मुद्राएँ प्रचलित थीं।" मयूरांक नामक दीनार का उल्लेख मिलता है, जिस पर मयूरांक नामक राजा का चित्र अंकित होता था । 4
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि ईसा पूर्व चतुर्थ शताब्दी से लेकर ईसा की छठी शताब्दी तक के ऐतिहासिक कालखण्ड में भारत की आर्थिक स्थिति अच्छी थी। चावल, गन्ना, कपास आदि की खेती बहुतायत से होती थी । शिल्पकला भी उन्नति पर थी । कीमती वस्त्र, पात्र, विलासिता एवं प्रसाधन की सामग्री आदि अस्तित्व में आ चुके थे।
सन्दर्भ - सूची -
1. निशीथसूत्र, 3/76-79
2. बृहत् भाष्य, 826
3. निशीथचूर्णि पीठिका, पृ. 60
4. निशीथचूर्णि पीठिका, पृ. 12
5. निशीथभाष्य, गाथा. 1029, 30
6. निशीथसूत्र, 9/7
7. वही, 17 / 126, 127
8. वही, 15 / 7, 16/7
9. ( क ) निशीथ भाष्य, गाथा 4898
(ख) बृहत्कल्प भाष्य, गाथा 841
10. निशीथचूर्णि - III, पृ. 214 11. निशीथचूर्णि, III, पृ. 223 12. निशीथचूर्णि, III, पृ. 223
13. निशीथसूत्र, 3/70
14. निशीथसूत्र, 8/17
15. निशीथचूर्णि, III, पृ. 347
16. निशीथसूत्र, 9/23-26
17. निशीथसूत्र, 5/34
18. निशीथसूत्र, 5/35
तुलसी प्रज्ञा जनवरी-मार्च, 2008
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19. निशीथसूत्र, 16/1
20. निशीथभाष्य गाथा 4313 व चूर्णि
21. निशीथसूत्र, 7/7
22. (क) निशीथसूत्र, 1/15-17,
(ख) निशीथचूर्णि, III, पृ. 214
"
23. निशीथसूत्र, III, पृ. 214
24. निशीथसूत्र, 11/1
25. निशीथ भाष्य, गाथा-5389-5391 26. वही, गाथा, 5003 व चूर्णि 27. निशीथसूत्र, 7/10 28. (क) निशीथचूर्णि, II, पृ. 400
(ख) तुलना हेतु द्रष्टव्य - जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज, पृ. 206-208
29. निशीथचूर्णि, II, पृ. 271
30. निशीथचूर्णि, पृ. 87 व उसके पादटिप्पण 31. निशीथभाष्य, गाथा 3431-3435 (सचूर्णि )
32. निशीथसूत्र, 7/1
33. Fretterafof, II, Y. 396
34. निशीथभाष्य, गाथा 4113 ( सचूर्णि )
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