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________________ (6) तिलोयपण्णति की एक गाथा 8 में कहा गया है, " भरत एवं ऐरावत क्षेत्र पर ( अर्थात् निषध एवं नील पर्वत के ऊपर) एक ही समय सूर्यादय तथा सूर्यास्त होता है ।" इससे जाहिर होता है कि भरत तथा ऐरावत, दो भिन्न ग्रह हैं। चूंकि दोनों के सूर्य अलग-अलग हैं, इसलिये यह संभव है कि दोनों ग्रंथों पर एक ही समय में सूर्योदय तथा सूर्यास्त होता हो । 'उपरोक्त तर्कों से यह स्पष्ट हो जाता है कि भरत क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो जम्बू विभाग का 190वां अंश है तथा इस क्षेत्र में पृथ्वी एवं कुछ रिक्त स्थान अथवा पृथ्वी एवं कुछ छोटे-छोटे आकाशीय पिण्ड हैं अथवा केवल पृथ्वी है। निष्कर्ष 1. 2. 3. बड़े शिखर (गौरीशंकर चोटी ) की ऊँचाई केवल 29000 फीट (लगभग 8.8 किलोमीटर) है। क्षुल्लक हिमवान पर्वत की चौड़ाई लगभग 1052 योजन तथा पूर्व पश्चिमी लम्बाई लगभग 5350 योजन बताई गई है। 17 इससे भी यही ज्ञात होता है कि भरतक्षेत्र पृथ्वी ही है और क्षुल्लकहिमवान पर्वत पृथ्वी के बाहर का कोई आकाशीय रिक्त स्थान है। 4. 5. जैन शास्त्रों में जिस मध्यलोक का वर्णन किया गया है उसकी विमा तथा आधुनिक विज्ञान में वर्णित हमारी गैलक्सी की विमा समान होने से यह संभावना हो सकती है कि मध्यलोक वास्तव में हमारी गैलक्सी का द्योतक है। मध्यलोक में जो विभिन्न द्वीप तथा समुद्र बताये गये हैं वे इस गैलक्सी के भिन्न-भिन्न विभाग (Zones) हैं जो वृत्तीय चकती के आकार के हैं। इन द्वीप - समुद्रों का आकार तथा विस्तार गैलक्सी के आकार तथा विस्तार के तुल्य है। जो द्वीप हैं वे द्वीप इसलिये कहलाते हैं कि उनका समूचा पदार्थ - घनत्व चित्रा पृथ्वी के ऊपर स्थित है तथा जो समुद्र इसलिये कहलाते हैं कि उनका पदार्थ घनत्व, चित्रा से नीचे की ओर है । चित्रा को एक सन्दर्भ तल (reference level) माना गया है। सबसे मध्य में सबसे छोटा विभाग जम्बूद्वीप है । इस भाग में दो सूर्य तथा उनका सौर परिवार है । मेरू एक परिकल्पित अक्ष (hypothetical axis) है । समस्त द्वीप - समुद्र इस अक्ष के परितः समअक्षीय हैं। तुलसी प्रज्ञा अप्रेल - जून, 2005 Jain Education International For Private & Personal Use Only 37 www.jainelibrary.org
SR No.524623
Book TitleTulsi Prajna 2005 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain, Jagatram Bhattacharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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