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________________ वृद्धावस्था तथा मृत्यु क्यों आते हैं ? युवावस्था के पश्चात् वृद्धावस्था तथा इसके पश्चात् मृत्यु को प्राप्त होना, यह जीवन का एक अनवार्य अंग है । हमारे अनेक ऋषिमुनियों ने सदा युवा बने रहने तथा मृत्यु को टालने के कई प्रयत्न किये, लेकिन वे भी इन दोनों से बच नहीं सके । वैज्ञानिकों भी इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखे हैं । इसी का परिणाम है कि विश्वभर में मनुष्य की औसत आयु तो बढ़ी है। भारत में भी आजादी के समय औसत आयु मात्र 30 वर्ष थी, जो कि अब बढ़कर 56 वर्ष हो गई है। लेकिन इसके बावजूद भी वैज्ञानिकों के सामने ये प्रश्न चुनौती बनकर खड़े हुये हैं कि आखिर वे क्या कारण हैं जिनकी वजह से वृद्धावस्था तथा मृत्यु आती है । इन प्रश्नों के समीचीन उत्तर की तलाश जारी है। वृद्धावस्था के लक्षण बहुकोशीय प्राणी जैसे ही पूर्ण वयस्क हो जाता है तथा प्रजनन की क्षमता को प्राप्त कर लेता है, बुढ़ापा प्रारंभ हो जाता है। अधिकतर स्तनधारी जीव जितने जल्दी वयस्क होते हैं, उनका आयुष्य उतना ही कम होता है । स्तनधारी जीव वयस्क होने का काल 13 वर्ष मनुष्य सिंह भालू बिल्ली कुत्ता बन्दर तुलसी प्रज्ञा अप्रैल-जून, 2004 - डॉ. अनिलकुमार जैन Jain Education International 2 वर्ष 30 माह 10 माह 7 माह 3 वर्ष For Private & Personal Use Only आयुष्य (वर्ष) 70 23 20 15 15 13 15 www.jainelibrary.org
SR No.524619
Book TitleTulsi Prajna 2004 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShanta Jain, Jagatram Bhattacharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2004
Total Pages110
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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