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मुक्ति का आरोहक्रम 1. जीव-अजीव का ज्ञान 2. जीवों की बहुविध गतियों का ज्ञान 3. पुण्य, पाप, बन्ध और मोक्ष का ज्ञान 4. भोग-विरक्ति 5. आन्तरिक और बाह्य संयोग-त्याग 6. अनगार-वृत्ति 7. अनुत्तर-संवरयोग की प्राप्ति 8. स्वरूप बाधक कर्मों का विलय 9. केवलज्ञान, केवलदर्शन की उपलब्धि 10. अयोग-अवस्था, सिद्धत्व-प्राप्ति
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ :
भिखुराम जैन
राईस ब्रान मर्चेन्ट
पो. टिटिलागढ़-767 033
जिला ब्लागीर (उड़ीसा) फोन : 06655-20208, 20387, 20041
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