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अनुक्रमणिका/Contents
३७९-३८४
३८५-३९६
३९७-४०२
४०३---४१२
४१३-४१८
४१९-४३६
४३७-४४२
१. संपादकीय
परमेश्वर सोलंकी २. निक्षेप-भाषा और विवार की वैज्ञानिक पद्धति
साध्वी विमलप्रज्ञा ३. भारतीय लोक जीवन का मांगलिक प्रतीक-थापा
ए. एल. श्रीवास्तव ४. शरीर में अतीन्द्रिय ज्ञान के स्थान
समणी मंगल प्रज्ञा ५. धारणा : एक संक्षिप्त विमर्श
साध्वी श्रुतयशा ६. जैनों की सैद्धांतिक धारणाओं में क्रम परिवर्तन
नंदलाल जैन ७. जैन आगमों में ज्योतिष : एक पर्यालोचन
मुनि श्रीचंद 'कमल' ८. आचार्य कुंद कुंद की कृतियों में 'आत्मा' __ आनंद प्रकाश त्रिपाठी 'रत्नेश' ९. जैन पद साहित्य में पार्श्वनाथ
श्रीमती मुनि जैन १०. राजस्थान में जैन मंदिरों की आर्थिक व्यवस्था
सोहन कृष्ण पुरोहित ११. गुरुदेव के काव्यों में रस-परिपाक
मुनि विमल कुमार १२. आचार्य महाप्रज्ञ का सौन्दर्य दर्शन
हरिशंकर पाण्डेय १३. बौद्ध धर्म दर्शन : एक दृष्टि
माधोवास मुंधड़ा १४. संगीत का प्राणतत्त्व
जयचंद्र शर्मा १५. अस्तित्ववाद
बीरबाला छाजेड़ तुलसी प्रज्ञा, लाडनूं : खंड २३ अंक ४
४४३ -४४८
४४९-४५४
४५५-४६०
४७१–४७६
४७७-४९२
४९३-४९६
४९७-५०२
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