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________________ रैली से दो दिन पूर्व प्रेस वार्ता में रैली के उद्देश्य बाबत बताया गया था कि मांसाहार एक व्यक्तिगत निजी मामला है। मांसाहार रोकने के लिये कोई कानून नहीं बनाया जा सकता । यह तो व्यक्ति की आंतरिक समझ और किसी को सत्प्रेरणा ही उससे मांसाहार छुड़वा सकती है। लेकिन मांस निर्यात का फैसला नीतिगत मामला । रैली का उद्देश्य सरकार और व्यवस्था पर दबाव बनाना है । रैली में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भरपूर तर्क दिए गए । कृषि संस्कृति और ऋषि संस्कृति से मिलकर बनी भारतीय संस्कृति में मांस निर्यात की कल्पना भी असह्य । आजादी से पहले ३०० पंजीकृत वूचड़खाने थे आज ३६००० हैं । १९ तो ऐसे बड़े यांत्रिक करलखाने हैं जिनमें प्रतिदिन ३ लाख पशु काटे जाते हैं। देश आजाद हुआ तो ३६ करोड़ गायें थीं । आज दस करोड़ हैं । मानव आबादी ३६ करोड़ से ९० करोड़ हो गई और पशु संपदा घटकर एक चौथाई रह गई ? यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रकार पशु हिंसा से जो मांस तैयार होता है। | उसका ९०% बाहर भेजा जाता है। विशेषत: अरब देशों में । यह गर्हित कार्य सन् १९६१ में शुरू हुआ था । सरकार भूल गई कि संविधान के अनुच्छेद ५१-ए में कहा गया है - यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए कि प्राकृतिक वातावरण एवं उसके अन्तर्गत वन, झील, नदियों और वन्य-जीवन की सुरक्षा करे । इसमें सुधार करे और सभी जीवों के प्रति करुणाभाव रखे । इसलिए यह रैली की गई और सरकार को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड पुनः सक्रिय करने का परामर्श दिया गया और मांसनिर्यात को अविलंब बंद करने की मांग की गई ताकि ९०% पशु हिंसा तो तुरन्त बंद हो जाए । ७. अमर जैन शहीद - डॉ. कपूरचंद जैन एवं डॉ. श्रीमती ज्योति जैन, प्रकाशक - श्री कैलाशचन्द्र जैन स्मृति न्यास, खतौली (उ. प्र. ) - २५१२०१, मूल्य - ४०/रुपये । डॉ. कपूरचंद जैन एवं श्रीमती ज्योति जैन यह तथ्य उजागर किया है कि भारतीय स्वतंत्रता बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था । उनकी एक कृति - स्वराज छपी थी। अभी उन्होंने अमर जैन शहीद नाम से जैन है । २३, अंक ४ ने आजादी की स्वर्ण जयन्ती वर्ष पर आन्दोलन में जैन भाई बहनों ने भी और जैन महिलायें गत वर्ष भाइयों को स्मरण किया इस संस्करण में कुल २० जैन शहीदों का संबंध में प्रामाणिक जानकारी है और प्रमाण के शहीद अमरचंद बांठिया, अमर शहीद फकीरचंद, शहीद वीर साताप्पा टोपण्णावर और वीर उदयचन्द और शहादत की साक्षियों से भरे पड़े हैं । Jain Education International ब्यौरा दिया गया है । सभी शहीदों के आधार भी दे दिए गए हैं । अमर अमर शहीद सिंघई प्रेमचंद, अमर जैन आदि के विवरण देशभक्ति - परमेश्वर सोलंकी For Private & Personal Use Only ५१३ www.jainelibrary.org
SR No.524594
Book TitleTulsi Prajna 1998 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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