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________________ अमुक्रमणिका/Contents १६७-१७० १७१–१७६ १७७-१८४ १८५-१९४ १९५-२०२ २०३-२१० १. संपादकीय--तेरापंथ महापंथ का तीसरा सगावसान परमेश्वर सोलंकी २. पर्यावरण सुरक्षा, जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में भोपालचंद लोढ़ा ३. जैन दर्शन में सामाजिक न्याय निशी सदयात ४. जैन परंपरा में कायोत्सर्ग मुनि धर्मेश ५. तेरापंथ धर्मसंघ में प्राकृत भाषा के पठन-पाठन का संक्षिप्त इतिहास मुनि विमलकुमार ६. रसभेद - एक समीक्षात्मक अध्ययन लज्जा पंत ७. काव्य का निर्दुष्ट लक्षण ? सुनीता जोशी ८. गुणस्थान तथा उनके आरोहण-अवरोहण का क्रम अनिल कुमार जैन ९. 'सष्टि' पर एक दृष्टिपात प्रतापसिंह १०. कालिदास का 'रामगिर' कहां है ? रमाशंकर तिवारी ११. मरुधरा के पेड़-पौधों में स्वरों का निवास जयचंद्र शर्मा १२. 'अहिंसा परमोधर्म' की एक लोककथा मनोहर शर्मा १३. पुस्तक-समीक्षा | प्रकीर्णकम् । १४. श्री जिनवल्लभसूरि प्रणीत 'महावीर चरित' परमेश्वर सोलंकी २११-२२४ २२५–२३४ २३५---२४० २४१-२४४ २४५–२४८ २४९--२५० २५१-२६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524592
Book TitleTulsi Prajna 1997 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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