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अमुक्रमणिका/Contents
१-६
१०-११
१३-- २०
२१-२८
२९-३८
३९-५२
५३---५८
१. सम्पादकीय-पाणिनीयेतर व्याकरण-परम्परा की शोध
परमेश्वर सोलंकी २. पर्यावरण विकास का अनिवार्य सोपान है
श्रीमती इन्दु पाण्डेय ३. आचारांग में प्रेक्षाध्यान के सूत्र
साध्वीश्री स्वस्तिका ४. प्राणायाम : एक आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक विश्लेषण
दीपिका कोठारी : रामजी मीणा ५. मध्ययुगीन जैन योग का क्रमिक विकास
भागचन्द्र जैन 'भास्कर' ६. उपनिषद् और जैन दर्शन में आत्म स्वरूप-चिन्तन (२)
हरिशंकर पाण्डेय ७. शब्द शक्तियां-एक संक्षिप्त विवेचन ___ सुनीता जोशी ८. 'तत्पूर्वकम् अनुमानम्'---एक विश्लेषण
ब्रजनारायण शर्मा ९. न्यायमिश्रित व्याकरण-परम्परा में
श्री जयकृष्ण तर्कालंकार का योगदान
मंगलाराम १०. जैन परम्परा में स्तूप
अमरसिंह ११. ओसिया का महावीर मन्दिर और उसका वास्तुशिल्प
शशिकला श्रीवास्तव १२. प्राण, मन और इन्द्रियों में एकत्व साधने का योग : स्वर योग
परमेश्वर सोलंकी १३. जैन आगमों में वनस्पति वर्णन
वैद्य सोहनलाल दाधीच : परमेश्वर सोलंकी
| कालक्रम और इतिहास १४. जैन कालगणना और तीर्थंकर परम्परा
परमेश्वर सोलंकी १५. कल्की व सन्द्रकुपतम्
देवसहाय त्रिवेद
५९ - ९२
९३-- १००
१०१-१०८
१०९-११६
११७ -- १२०
१२३–१२९
१३१-१३४
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