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________________ अनुक्रमणिका/Contents १६७–१७० १७१-१९० १९१-१९४ १९५-२०४ २०५-२१० १. संपादकीय-ईसा-मूसा के समाधिस्थल २. मनःपर्याय ज्ञान भी संभव है ? मुनि गुलाबचन्द्र निर्मोही' । ३. अहिंसा की दार्शनिक पृष्ठभूमि ___मंगलाराम ४. श्रुत-ज्ञान---एक मीमांसा मुनि सुखलाल ५. आचार्य कुन्दकुन्द की काव्यकला उदयचंद जैन ६. 'प्रवचनसार' में छन्द की दृष्टि से पाठों का संशोधन के. आर. चन्द्र ७. जिनकल्प की समाचारी साध्वी विश्रुतविमा ८. वाल्मीकि रामायण में दार्शनिक तत्त्व विजयरानी ९. राजस्थानी भाषा में खड़ी बोली का प्रयोग मनोहर शर्मा १०. 'णायकुमार चरिउ' का नायक हरिशंकर पाण्डेय ११. साहित्य-सत्कार एवं पुस्तक-समीक्षा परमेश्वर सोलंकी २११-२१६ २१७-२२६ २२७–२३० २३१-२३६ २३७-२४२ ०३-०४ कालक्रम और इतिहास १. भारत में ईशामसीह का आगमन परमेश्वर सोलंकी २. विक्रम संवत् : ३६ ईसवी पूर्व चंद्रकान्त बाली ३. वेद और आगमकाल में पर्दाप्रथा मुनि गुलाबचन्द्र निर्मोही' ०५-१० ११-१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524589
Book TitleTulsi Prajna 1996 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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