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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org खण्ड २२, अंक ३ १७ नत्रत्र पूर्व भाद्रपदा उत्तरभाद्रपदा रेवती मछली का मांस अनेक वर्ण चावल दही भात २ करेला वराह मांस ३ करेला ४ ५ करेला, दही करेला वाराहीकंद शकरकंद उडद की बड़ी कपूर चीलड़ा, दही करेला कपूर ६ जलचर फूलन या पानी ७ करेला कपूर 5 करेला कपूर जलचर फूलन जलचर या पानी जलयर मांस नारियल फल जलचर का गुदा नामक वृक्ष संख्या नं० ६, ७, ८ का वर्गीकरण प्राय: समान है । नं० ६ का प्रतिपादन किस आधार पर हुआ है, यह ज्ञात नहीं है । नं ० ३ का प्रतिपादन आयुर्वेद के ग्रंथों के आधार पर हुआ है । अधिक जानकारी के लिए जैन विश्व भारती, लाडनूं से प्रकाशित जैन आगम वनस्पति कोश का अवलोकन किया जा सकता है। - मुनि श्रीचन्द 'कमल' झूमरमल बैंगानी सेवाभावी कल्याण केन्द्र जैन विश्व भारती, लाडनूं
SR No.524589
Book TitleTulsi Prajna 1996 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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