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________________ ६. तहचेव एय वाहगचितारहियं थिरत्तण नेयं । सव्वं परत्थसाहगरूवं पुण होइ सिद्धित्ति ।। इन चार प्रकारों की व्याख्या इस प्रकार है-- १. इच्छा-स्थान आदि योगों को जानने की इच्छा, उनकी विधि और कर्ता के प्रति बहुमान तथा उनका सतत अभ्यास । साधक-अंगों की पूर्ण प्राप्ति न होने पर भी योग की भावना से अपनी शक्ति के अनुसार योग में प्रवृत्त रहना। २. प्रवृत्ति-सभी अवस्थाओं में उपशम की प्रधानता रखते हुए स्थान आदि योगों का पालन करना। शास्त्रोक्त विधि से परिपूर्ण साधनों के साथ योग में प्रवृत्त होना। ३. स्थिरत्व-स्थान आदि का पालन करते हुए उनमें आने वाली बाधाओं की चिन्ता से रहित होना । ४. सिद्धि-परार्थ साधक रूप योग्यता ।' अपनी सिद्धि को दूसरों में प्रतिबिंबित करना। ७. एए य चित्तरूवा, तहा खओवसमजोगओ हुति । __तस्स उ सद्दा पीयाइ जोगओ भव्वसत्ताणं ।। भव्य जीवों में इच्छा आदि चारों प्रकार के योग की उत्पत्ति के तीन हेतु हैंश्रद्धा, प्रीति और क्षयोपशम ।' ० श्रद्धा-घनीभूत विश्वास । • प्रीति--कार्य करने में हर्ष, प्रमोद आदि । ० क्षयोपशम-कर्मों की क्षीणता । १. प्रवृत्ति और स्थिरत्व में यही अन्तर है कि प्रवृत्ति अतिचार सहित होती है अतः उसमें स्थान आदि के बाधक तत्त्वों का चिन्तन रहता है। स्थिरत्व अभ्यास की परिपक्वता के कारण निर्बाध होता है, उसमें बाधक तत्त्वों का चिन्तन नहीं होता। २. स्थान आदि योगों का फल है-उपशम विशेष की प्राप्ति । अभ्यास-क्रम से यह साधक को प्राप्त हो जाती है किन्तु इसे सिद्धि नहीं माना जा सकता। जब ये योग दूसरों में भी उपशम उत्पन्न करते हैं, तभी वह सिद्धि मानी जाती है। यही इसका परार्थ साधक रूप है। ३. जिस व्यक्ति में जितना क्षयोपशम होता है, उसे उतनी ही मात्रा में इच्छा आदि योगों की प्राप्ति होती है। इस मार्ग में प्रवृत्त होने वाले साधक को यदि सूक्ष्म बोध नहीं भी होता तो भी उसकी मार्गानुसारिता का हनन नहीं होता । अपनेअपने क्षयोपशम की तरतमता से वे योग में प्रवृत्त होते हैं और उसके अनुसार ही सिद्धि को प्राप्त होते हैं। तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524588
Book TitleTulsi Prajna 1996 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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