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अनुक्रमणिका / Contents
१. सपादकीय ( ' शौरसेनी' कहने का आग्रह क्यों ? )
२. आर्ष भाषा: स्वरूप एवं विश्लेषण
आचार्य महाप्रज्ञ
३. वैदिक क्रियापद : एक विवेचन सुबोध कुमार नन्द
४. आख्यात एवं धातु का दार्शनिक स्वरूप श्रीमती सरस्वती सिंह
५. 'अविमारकम्' में प्रयुक्त प्राकृत- अव्ययपद कमलेशकुमार छः चोकसी
६. णमोकार महामंत्र : सांगीतिक चिन्तन जयचन्द्र शर्मा
७. प्राकृत के प्राचीन बोली विभाग प्रबोध वे. पण्डित
८. मृच्छकटिक कालीन भारतीय संस्कृति
कुमारी बब्बी
९. भवभूति की दृष्टि में परिवार का स्वरूप मधुरिमा मिश्र
१०. बौद्ध दर्शन में स्मृति प्रस्थानों का महत्त्व
संजय कुमार
११. आदि शाब्दिक और पारंपरीय प्राकृत परमेश्वर सोलंकी
कालक्रम और इतिहास
१२. सोलंकी - राजवंश का यायावरी इतिहास राव गणपतिसिंह
१३. मानव और देवताओं का कालमान मुनि श्रीचंद 'कमल'
१४. विक्रम संवत्सर में न्यूनाधिक मास
स्व० मुनि हड़मानमलजी, सरदारशह
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