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________________ सन्दर्भ : १. भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के भूतपूर्व महानिदेशक श्री जे० पी० जोशी के समाचार पत्रों में प्रकाशित १२ फरवरी १९९० की सूचना के अनुसार एलोरा में २८ और गुफाओं की खोज की गई है परन्तु १९९३ ई० में एलोरा की यात्रा में मुझे यह ज्ञात हुआ कि वहां पर कुछ अन्य गुफाएं अवश्य हैं, जिनमें सफाई के कार्य चल रहे हैं । अधिकांशतः गुफाओं में महेशमूर्तियां ही हैं । नयी दृष्टि से विचारणीय होगा कि एलोरा में महेश सम्प्रदाय तो विकसित नहीं हो रहा था । १९९४ ई० में पुन: यात्रा करने पर मैंने पाया कि एलोरा में ईसापूर्व दूसरी सदी से पांचवीं सदी ईसवी तक के दो हजार साल पुराने शहर के अवशेष भी हैं। एक प्राचीन कला तीर्थं २. हरिनन्दन ठाकुर, 'चित्रों का भंडार अभी अलभ्य', 'भारत का एलोरा', आज (साप्ताहिक विशेषांक ), ४ सितम्बर, १९६०, पृ० १३, १४ ३. एलोरा गुफाओं के परिचय सूचना पट्ट से उद्धृत; विस्तार के लिए द्रष्टव्य आर० एस० गुप्ते तथा बी० डी० महाजन, अजता, एलोरा एण्ड औरंगाबाद केव्स, बम्बई, १९६२, पृ० २१८-२४ ४. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, 'इमेजेजेज आव बाहुबली इन एलोरा' एलोरा केव्स स्कल्पचर्स ऐण्ड आर्किटेक्चर, ( रतन परिमू), नई दिल्ली, १९८८ ५. विस्तार के लिए द्रष्टव्य आर० एस० गुप्ते तथा बी० डी० महाजन, पूर्व निर्दिष्ट पृ० २१८-२४; मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, जैन प्रतिमाविज्ञान, वाराणसी, १९८१, पृ० १३५, १४४, १६२,२३०,२४३ ६. आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव, एलोरा की ब्राह्मणदेव प्रतिमाएं इलाहाबाद, १८८८, पृ० ८ ७. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, जैन प्रतिमा विज्ञान, वाराणसी, १९८१, पृ० १७२,२३० ८. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, 'इमेजज आव बाहुबली इन एलोरा', एलोरा केम्सस्कल्पचस ऐण्ड आर्किटेक्चर, ( रतन परिमू), नई दिल्ली, १९८८ ९. कुमुदगिरि, जैन महापुराण कलापरक अध्ययन, वाराणसी, १९८५, पृ० २५४ १०. कुमुद गिरि, पूर्वनिर्दिष्ट, पृ० ४ ११. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, पार्श्वनाथ इमेजेज इन एलोरा', सेमिनार प्रोसिडिंग, दिल्ली, १९८०, प्रो० के० के० दासगुप्ता केमेमोरेशन वाल्यूम, कल्याण सुमन हेतु प्रकाशनार्थ स्वीकृत १२. मारुतिनन्दन, 'जैन महापुराण की कलापरक सामग्री', संस्कृति - संधान, खण्ड ६, १९९३, वाराणसी, पृ० ३८,३९ १३. मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी, जैन प्रतिमा विज्ञान, वाराणसी, १९८१, पृ० १३५ २९२ Jain Education International For Private & Personal Use Only तुलसी प्रज्ञा www.jainelibrary.org
SR No.524586
Book TitleTulsi Prajna 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size10 MB
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