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________________ Jain Education International खण्ड २२, अंक क्र.सं. नाम १. श्री सीमन्धर प्रभु विहरमाण परिचय पिता माता जन्मस्थल चिह्न श्रेयांस सात्यिकी पुंडरीकिणी वृषभ २. श्री युगमन्धर प्रभु सुसढ सुतारा विजया बकरा ३. श्री बाहु प्रभु सुग्रीव विजया सुसीमा मृग | | । | । | । | । ४. श्री सुबाहु प्रभु निषढ विजया वीतशोका वानर ५. श्री सुजात प्रभु देवसेन देवसेना पुंडरीकिणी सूर्य For Private & Personal Use Only विजय जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरु से पूर्व महाविदेह की आठवीं पुष्कलावती विजय जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरु से पश्चिम महाविदेह की पचीसवीं वप्रा विजय जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरु से पूर्व महाविदेह की नौवीं वत्स विजय जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरु से पश्चिम महाविदेह की चौबीसवीं नलिनावती विजय पूर्वधातकी खंड के विजय मेरु से पूर्व महाविदेह की आठवीं पुष्कलावती विजय पूर्वधातकी खंड के विजय मेरु से पश्चिम महाविदेह की पचीसवीं वप्रा विजय । पूर्वधातकी खंड के विजय मेरु से पूर्व महाविदेह की नौवीं वत्स विजय पूर्वधातकी खंड के विजय मेरु से पश्चिम महाविदेह की चौबीसवीं नलिनावती विजय पश्चिम घातकी खंड के अचल मेरु से पूर्व महाविदेह की आठवीं पुष्कलावती विजय ६. श्री स्वयंप्रभ प्रभु मित्र भुवन सुमंगला विजया चन्द्रमा । ७. श्री ऋषभानन प्रभु कीर्ति वीरसेना सुसीमा सिंह ८. श्री अनंतवीर्य प्रभु मेघ मंगला वीतशोका बकरा । | । | । ९. श्री सूरप्रभ प्रभु नाग भद्रा पुंडरीकिणी सूर्य www.jainelibrary.org
SR No.524586
Book TitleTulsi Prajna 1996 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size10 MB
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