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अनुक्रमणिका/Contents
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१. ब्राह्मणों की दार्शनिक मान्यताएं
राजीव कुमार, आनंद कुमार २. मानतुंग : भक्तामर स्तोत्र
प्रकाशचन्द्र जैन ३. हरिकेशीय आख्यान
साध्वी संचितयशा ४. उपनिषद् और आचारांग
हरिशंकर पाण्डेय ५. सारस्वत व्याकरण में समास ___ लज्जा पंत ६. पञ्चसंधि की जोड़
मुनि श्रीचंद 'कमल' ७. दाम्पत्य जीवन और उत्तरदायित्व
आर० के० ओझा ८. संघर्ष निराकरण
बच्छराज दूगड़ ९. प्रकीर्णकम् १. जैन दर्शन नास्तिक नहीं है।
२. श्री विनयविजयोपाध्याय विरचिव कणिका ३. 'संबोधि' में अलंकार ४. कथानक-रूढ़ियों के आलोक में संस्कृत-प्राकृत
५. मरुमण्डल की धारा नगरी-भीनमाल १०. पुस्तक-समीक्षा
English Section 11. Dr. S. Radhakrishnan
Rajendra Prased 12. Jain Conception of Universe ___ Ch. Lalitha 13. Some Merits of Katantra
Vrashabh P. Jain 14. Fffects of Science Teaching on Social Values
Suresh C. Jain 15. Māgadhi Passages in Prakrit Grammar
Jagat Ram Bhattacharya 16. Status of Women and Girl-Child
Adil Datta Mishra
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