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________________ अल्पमत को मान नहीं दिया जाता । यदि तुलनात्मक दृष्टि से समीक्षा की जाये तो भारत की अपेक्षा दक्षिण अफ्रीका की स्वतंत्रता अधिक गरिमामय है। क्योंकि भारत की तरह दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्रता के समय जन संहार नहीं हुआ । नेताओं ने विवेक का प्रयोग किया और देश को खण्डित होने से बचाया। धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए डॉ० नेलसन मंडेला ने दी संडे टाइम्स में साक्षात्कार देते हुए कहा कि वे ईसाई, मुस्लिम व यहूदी धर्मगुरुओं को प्रशासन में भागीदार बनाने के इच्छुक हैं, जो कि आपसी विश्वास को बढ़ाने का प्रतीकात्मक इतनी अधिक उपलब्धियों के साथ-साथ नये राष्ट्र को समस्याओं की भी विरासत मिली है जिसमें जुलू समस्या, कम्यूनिस्टों का आतंक, अतिवादी गोरो का विरोध, जातीय घृणा, खनिज का अंधाधुंध दोहन, सम्पत्ति का हस्तांतरण, गोरों की पूंजी दक्षिण अफ्रीका से बाहर ले जाना आदि प्रमुख हैं। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने अनेक भारतीयों और श्वेतों में आतंक विमोचित किया है । गोरे लोग देश छोड़कर जाने लगे हैं और परिणाम स्वरूप श्वेत राष्ट्रवाद भी उभरा है । कांग्रेस ने अगले १० वर्षों में २५ लाख लोगों को रोजगार देने, अगले पांच वर्षों में १० लाख मकान बनाने और २५ लाख ग्रामीण तथा शहरी मकानों में बिजली लगाने का वादा किया है, जबकि आर्थिक प्रतिबंध, योरोपीय समुदाय द्वारा खनिज भंडारों जैसे (यूरोनियम, हीरा और सोना) का दोहन, पूर्व पूंजीवादी व्यवस्था आदि के कारण नेलसन मंडेला के सामने आर्थिक कठिनाइयां भी आ सकती हैं। किन्तु हर संक्रमण काल चूंकि संघर्षपूर्ण होता है और अन्त में सफलता मिलती है अतः यहां भी ऐसी आशा की जा सकती है । निष्कर्षः शान्तिपूर्ण सामाजिक संरचना की व्यवस्था करते हुए जोन गालगुंग ने कहा है कि एक सामाजिक तंत्र तब शान्ति पूर्ण कहा जा सकता है जब कि इसमें से प्रत्यक्ष या संरचनात्मक हिंसा का पूर्ण अभाव हो । प्रत्यक्ष हिंसा शारीरिक क्षय पहुंचाता है और संरचनात्मक हिंसा व्यक्ति को अपनी संपूर्ण विकास की उन सम्भावनाओं से वंचित करता है, जिसे वह अन्यथा प्राप्त कर सकता है।" नये दक्षिण अफ्रीका में नेलसन मंडेला के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। श्वेत, अश्वेत और मिश्रित वर्ण के लोगों को एक साथ लेकर चलना कोई आसान काम नहीं है। नेलसन मंडेला को श्वेतों और मिश्रित जातियों के लोगों तथा भारतीयों के मन से डर हटाना होगा और अपने अहंकारी और दुविनीत पार्टी सदस्यों को समझाना होगा । अगर रंगभेद की समाप्ति के बाद अश्वेतों की तानाशाही दक्षिण अफ्रीका में स्थापित होती है तो लोकतंत्र की भ्रूण हत्या हो जायेगी।३५ अश्वेतों के लिए इस आजादी का अर्थ है मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति । यह काम मुश्किल जरूर नजर आता है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की जनता ने इस बार नेलसन मंडेला में जो विश्वास ७४ तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524583
Book TitleTulsi Prajna 1995 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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