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अनुक्रमणिका/Contents १. कुन्द-कुन्द की दृष्टि में आगम का स्वरूप __ नंदलाल जैन २. ज्ञान स्वरूप विमर्श
समणी मंगलप्रज्ञा ३. जैन तथा सांख्य दर्शनों में संज्ञान
निर्मल कुमार तिवारी ४. 'भगवती' में सृष्टि तत्त्व-पंचास्तिकाय
समणी चैतन्यप्रज्ञा ५. दसवैकालिक और धम्मपद में भिक्षु
साध्वी संचितयशा ६. 'तस्मान्न बध्यते'–एक विवेचन
श्रीमती विजयरानी ७. शांति-शिक्षा का स्वरूप और विकास
बच्छरान दूगड़ ८. 'उत्तर रामचरित' का सामाजिक चिन्तन
दिनेश चन्द्र चौबीसा ९. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी आन्दोलन
अनिल धर १०. प्रकीर्णकम् १. 'रत्नपालचरित' में अलंकार सौन्दर्य
२. 'जयोदय महाकाव्य' में प्रतिबिम्बित अद्यतन इतिहास ३. ऋतं च सत्यं च ४. प्राकृत के बिना संस्कृत पंगु है । ५. बंगदेश में जैनधर्म का प्रारम्भ
English Section 11. Gandhi's Approach to Communalism
Devavrat N. Pathak 12.Communalism And Women
Anil Dutta Mishra 13. Jain Conception of Reality
Bhagchandra Jain 14. The Vital Force Parmeshwar Solanki
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