________________
१. सम्पादकीय
२. जैनधर्म में रथयात्रा महोत्सव सोहनकृष्ण पुरोहित
३. रामस्नेही सन्त रामचरणजी पर भीखणजी का प्रभाव लोकेश्वर प्रसाद शर्मा
४. जैन दर्शन का अपरिग्रहवाद : आज की आवश्यकता कसुदनाथ झा
५. कुन्दकुन्द के दर्शन में उपयोग की अवधारणा
राजवीर सिंह शेखावत
६. तेरापन्थ में प्राकृत-साहित्य का उद्भव और विकास मुनि गुलाबचन्द्र 'निर्मोही'
७. श्रुत-परम्परा
अनुक्रमणिका / Contents
मुनिश्री कामकुमार नन्वी
८. ध्यान- द्वात्रिंशिका - एक परिचय समणी चैतन्यप्रज्ञा
९. मार्कण्डेय पुराण में देवी शक्ति का स्वरूप श्रीमती मुनी जोशी
१०. क्या अकाल मृत्यु सम्भव है ?
अनिल कुमार जैन
११. श्रीमद्भागवतीय आख्यानों का विवेचन हरिशंकर पांडेय
१२. अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति और शांतिशोध
बच्छराज दूगड़
१३. प्रेक्षाध्यान की वैज्ञानिकता
समणी स्थितप्रज्ञा
१४. स्तुति के तत्त्व साध्वी संचितयशा
१५. साहित्य-सत्कार एवं पुस्तक - समीक्षा परमेश्वर सोलंकी
English Section
16. Vegetarian Diet-Scientific Views Suresh Jain
17. A Study in Science of Living
Temperature Biofeedback: An Experimental Review and Research
J. P. N Mishra & B. K. Chhajer
18. Dharma Kathās in Pali and Prakrit
G. V. Tagare
19. Members of Syllogism
Bamadev Senapaty
20. Book Review Parmeshwar Solanki
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
१५३
१५७
१६५
१७१
१७७
१९३
१९७
२०३
२०९
२१७
२२५
२३१
२३७
२४३
69
77
87
91
97
www.jainelibrary.org