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________________ महावीर के पश्चात् प्रथम केवली हुए । श्वेताम्बर परम्परा में गौतम स्वामी के सम्बन्ध में एक विशेष जानकारी यह मिलती है कि गौतम स्वामी ने पचास वर्ष की आयु में प्रव्रज्या ( जिन दीक्षा ) ग्रहण की। तीस वर्ष तक छद्मस्थ रहे और बारह वर्ष तक केवली रहे । बानवे वर्ष की आयु में गुणशील चैत्य से निर्वाण प्राप्त किया । इस प्रकार भगवान् महावीर के बाद गौतम स्वामी ने बारह वर्षों तक उनके सिद्धान्तों का प्रचार किया और फिर मोक्ष प्राप्त किया । गौतम स्वामी की निर्वाण स्थली * गुणावा बिहार प्रदेश के नवादा जिले के अन्तर्गत एक गांव है । इसे श्री गौतम स्वामी की निर्वाण-भूमि माना जाता है । अत: जैन लोग इसे सिद्ध क्षेत्र मानते हैं । लेकिन प्राचीन शास्त्रों से यह बात गलत सिद्ध होती है । निर्वाण काण्ड (संस्कृत) और निर्वाण भक्ति ( प्राकृत) में किसी भी गुणावा का वर्णन नहीं मिलता है । आचार्य गुणभद्रकृत उत्तर पुराण से सिद्ध होता है कि गौतम स्वामी राजगृही नगरी के विपुलाचल पर्वत से मोक्ष गये । महापुराण से भी यही बात सिद्ध होती है । श्वेताम्बर परम्परा में भी गौतम स्वामी की निर्वाण भूमि गुणावा नहीं मानी गई है । इसके अनुसार गौतम स्वामी राजगृही के उत्तर पूर्व दिशा में स्थित गुणशील चैत्य से मोक्ष गये । इस प्रकार दिगम्बर ओर श्वेताम्बर दोनों ही परम्पराओं में गौतम स्वामी की निर्वाण स्थली राजगृही (राजगृह) मानी गई है । राजगृही के ि स्थान से मोक्ष प्राप्त हुआ, इसमें एक मत नहीं हैं । दिगम्बर परम्परानुसार वे विपुलाचल पर्वत से मोक्ष गये जबकि श्वेताम्बर परम्पर नुसार वे गुणशील चैत्य से मोक्ष गये । अनुमान से गुणावा को पिछले छह शताब्दियों से सिद्ध क्षेत्र मान लिया गया है, वस्तुतः गौतम स्वामी की निर्वाण स्थली राजगृही ही है । संदर्भ १. 'सरस्वती पूजन', रचयिता – पं. द्यानतराय अठारहवीं शताब्दी । २. 'जैनेन्द्र सिद्धांत कोश', भाग-१, पृ० ३१६ । ३. 'श्री गौतम गणधर चरित्र', रचयिता – सिंघई किशनसिंह पाटनी (सं. १७८२), संपादक – क्षु० शीतल सागरजी महाराज ( वीर निर्वाण सं० २४९२) । ४. 'भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ ; भाग - २, लेखक - पं. बलभद्र जैन । खण्ड १९, अंक Jain Education International For Private & Personal Use Only ७५ www.jainelibrary.org
SR No.524576
Book TitleTulsi Prajna 1993 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size9 MB
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