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________________ बुद्ध-महावीर को ज्येष्ठता/कनिष्ठता के संदर्भ में वर्षाऽऽवास का इतिहास पण्डित चन्द्रकान्त बाली ['नए अनुसंधान' और 'इतिहास सम्मत कालान्तराल'-इन दो अवलंबों के सहारे लेखक ने अजातशत्रु के शासनकाल में भगवान् महावीर और महात्मा बुद्ध के राजगृह-वर्षावास पर शंका उठाई है। अपनी बात को उन्होंने लम्बी गणना के द्वारा परन्तु बिना कोई ठोस आधार बताए अपने नए अनुसंधान (महावीर जन्म १२६८ ईसवी पूर्व) के आंकड़ों से मान्य करने का आग्रह भी किया है। इस आग्रह से सहमत होना कठिन है किन्तु भगवान् महावीर और महात्मा बुद्ध के निर्वाण में २२ वर्ष का अन्तराळ खोज निकालना सही जान पड़ता है। वायुपुराण, मत्स्यपुराण, भागवत और कथा सरित्सागर आदि में चंड प्रद्योत का शासनकाल २३ वर्ष दिया है। जैन-परंपरा में प्रद्योत-पुत्र पालक का अभिषेक और महावीरनिर्वाण एक ही दिन होने के उल्लेख मिलते हैं और तिब्बती-परंपरा में प्रद्योत का राज्यारोहण और गौतमबुद्ध को संबोधि भी एक ही दिन होना मान्य है, इसलिए महावीर-निर्वाण और बुद्ध-निर्वाण में २३ वर्षीय अन्तर सही हो सकता है। एक स्थान पर उन्होंने लिखा है-'वायु पुराण और अन्य विविध पुराणों के अनुसार १२२० ईसवी पूर्व बिम्बसार का निधन हुआ और अजात शत्रु का अभिषेक हुआ'--यह कथन अथवा इस प्रकार के नतीजे निःसंदेह भयावह हैं। फिर भी तथ्य-अन्वेषण के प्रचोदन हेतु प्रस्तुत विचार मुद्रित किए जा रहे हैं। -संपादक] राजतरंगिणी के गंभीर अध्ययन से ज्ञात होता है कि उसके प्रणेता कल्हण पंडित ने महावीर स्वामी तथा महात्मा बुद्ध के दरम्यान उत्पन्न ज्येष्ठता/कनिष्ठता के विवाद का समाधान दो पीढ़ियों में संभाव्य और इतिहास-सम्मत कालान्तराल में खोजा है । अर्थात् दो पीढ़ियों की दूरी जितने वर्षों के लिए मान्य हो सकती है, उतनी ही दूरी के हिसाब ने इन युगपुरुषों की ज्येष्ठता/कनिष्ठता विचारणीय है । हम राजतरंगिणी में पढ़ते हैं कि गोनन्दवंशी राजा अशोक जनधर्मावलम्बी था, और उसके आत्मज (जलौक) की आस्थाएं बौद्धधर्म में केन्द्रित थीं। इन दो पीढ़ियों का दरम्यानी गणित महावीर स्वामी को ज्येष्ठता प्रदान करता है और महात्मा बुद्ध को कनिष्ठता। खण्ड १७, अंक ३ (अक्टूबर-दिसम्बर, ६१) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524568
Book TitleTulsi Prajna 1991 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1991
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size6 MB
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