________________
दिसम्बर, १९९०
अंक ३
अनुक्रमणिका
१. समणो मल्लिप्रज्ञा : अहिंसा और अपरिग्रह सिद्धान्त का सम्बन्ध-निरूपण
२. समणी मंगलप्रज्ञा : जीव और शरीर के सम्बन्ध सेतु
३. डॉ० मंगल प्रकाश मेहता : हिन्दी जैन काव्य : दार्शनिक प्रवृत्तियां
४. जैनेन्द्र कुमार जैन : भगवती आराधना एवं प्रकीर्णकों में आराधना
का स्वरूप
५. नंदलाल जैन : जैन शास्त्रों में भक्ष्याभक्ष्य विचार
६. कु. कमला जोशी : जैन एवं अन्य भारतीय दर्शनों में मोक्ष दशा :
एक तुलनात्मक दृष्टि
7. Muni Mahendra Kumar : Geometrical and Philosophical
Aspects of Theory of Relativity
8. Narendra Kumar Dash : The Concept of Pramānā in
Jainism : An Introduction
9. Jagat Ram Bhattacharyya : Some Problems of
Māgadhi Dialect
आजीवन शुल्क : रु. ५०१-००
वार्षिक शुल्क : रु. ३५.०० इस अङ्क का मूल्य : २० २०.००
--
नोट-यह आवश्यक नहीं है कि इस अंक में प्रकाशित लेखों में उल्लिखित विचार
सम्पादक अथवा संस्था को मान्य हों।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org