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________________ ००* ०० का अथ सारिणी दुर्योधन युधिष्ठिर नंदसंक्त् शूद्रक संवत् मौर्य संवत् शक संवत् ईसवी पूर्व संवत् संवत् ३१६२ ३१४८-६ २०१४ २००० ११४८ वर्षों संशोधन ११४२ २७०० २६८६ ००६ ४५६ २८१४ २८०० 500 ३४२ [२९४६ २६३२९३२ २४६५- →६३२० - २१०] ३२२२ ३२०८ १२०८ . ५२२ ४०८:: ०० ९९ ईसवी (*) भारतीय कालगणनाएं शून्य से आरंभ होती हैं। (क) सप्तर्षि-संवत् १००१.. ३१६२ ई० पूर्व में दुर्योधन का अभिषेक हुआ, तभी से 'दुर्योधन संवत्' की स्थापना मान्य है । वह शान्तनु-अभिषेक का द्वि-शताब्दी वर्ष भी था। (5) पाण्डव १३ वर्ष वन में रहे । १ वर्ष युद्ध-प्रस्तुति में बीत गया। अतः सप्तर्षि-संवत् १०१४ ३१४८ ई० पूर्व में भारत संग्राम घटित हुआ। तभी युधिष्ठिरसंवत् स्थापित हुआ। (O) दो हजार वर्ष पर्यन्त युधिष्ठिर-संवत् प्रचलित रहा। तभी नंदवंश का अभ्युदय हुआ। (क) प्राचीनकाल में सप्तर्षि-गणना प्रचलित थी। बाद में सौर गणना लोकमान्य हुई । यद्यपि पौराणिक इतिहास में सप्तषि-गणना में तथा सौर-गणना में व्यवधानकाल कुछ अधिक है; परन्तु प्रस्तुत सारिणी में वह व्यवधानकाल केवल छह वर्ष है । अतः वैज्ञानिक अनिवार्यता के वशीभूत उक्त संशोधन प्रस्तुत है। संशोधन-प्राक सप्तर्षि संवत्. तत्पश्चात् सौर-गणना उपस्थित है। (8) 'शूद्रक संवत्' की सिद्धि के लिए प्रमाणान्तर उपलब्ध है । यथा"बाणाब्धिगुण दस्रोनाः शूडकाब्दाः कलेगताः।"-यल्लार्य अर्थात् कलि संवत् के ५-४-६-२ (अङ्कानां वामतोगति: २६४५) वर्ष बीतने पर 'शूद्रक-संवत्' स्थापित हुआ। गणना करने परईसवी पूर्व का साल ३१.१ (-) २६४५ कलि संवत् --- (०० शूद्रक संवत्) ४५६ ईसवी पूर्व । यही फलागम हम सारिणी में देख रहे हैं । यद्यपि सुमतितंत्र में 'शूद्रक-संवत्' की स्थापना का कोई संकेत नहीं है; तथापि प्रमाणान्तर से सारिणी को साधु रखना हमारा कर्तव्य था, जो हमने पूरा किया। (1) मौर्य संवत् पर पर्याप्त लिख चुके हैं। हमारे परिपक्व निर्णय के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य का अभिषेक ३४२ ईसवी पूर्व में हुआ था, तभी से 'मौर्य संवत्' गणनाधीन है और यही संकेत सुमतितंत्र में भी है : 'नन्दराज्यं शताष्ट वा चन्द्रगुप्तस्ततोपरम् ।' खण्ड १६, अंक २ (सित०, ६०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524563
Book TitleTulsi Prajna 1990 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangal Prakash Mehta
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages80
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size4 MB
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