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________________ ३७. मनीषी संत, साधक मन, वैज्ञानिक दार्शनिक और प्राज्ञ - डा० नरेन्द्र भानावत ३८. महाप्रज्ञ से धर्म अनुशास्ता : एक गौरवपूर्ण उपलब्धि —देवेन्द्रकुमार कर्णावट ३६. युवाचार्यश्री महाप्रज्ञ: पहले और बाद में - साध्वीश्री कमलश्री ४०. युवाचार्य श्री का अभिनन्दन - उपाध्यायश्री अमरमुनि ४१. शब्द व भाव के अमर शिल्पी, संस्कार-निष्पन्न मनीषी एवं प्रबुद्ध साधक : युवाचार्य महाप्रज्ञ -- डा० छगनलाल शास्त्री ४२. अभिनन्दन ! अभिनन्दन ! ४३. अभिनन्दन का प्रत्युत्तर - युवाचार्य महाप्रज्ञ ४४. तेरापन्थ को आचार्यश्री तुलसी की देन - साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा ४५. इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों से मुनिश्री अनोपचन्द जी ( नाथद्वारा ) — मुनि नवरत्नमल ४६. पाँच मुक्तक - मुनि मोहनलाल “शार्दूल" ४७. श्रीमज्जाचार्य रचित "झोणी चर्चा " - सम्पा० अनु० मुनि नवरत्नमल ४८. एक युवा श्रमणी महाश्रमणी - साध्वी यशोधरा ४६. आदर्श श्रावक - महावीर की कल्पना - मुनि किशनलाल ५०. नटकन्या और श्रेष्ठी पुत्र - सोहनराज कोठारी ५१. शोध-लेख : गृहस्थ धर्म का आध्यात्मिक महत्त्व - प्रो० कैलाशचन्द जैन ५२. चाय युग - डॉ० जेठमल भंगाली ५३. एक सन्देश : युवा पीढ़ी के नाम - कु० मुकेश जैन ५४. समाचार - दर्शन ५५. जैन विश्व भारती : प्रवृत्ति एवं प्रगति ५६. साहित्य समीक्षा ५७. प्रणाम महाप्रज्ञ - डा० नेमीचन्द जैन ४०१ ४०३ ४०५ ४०७ ४०८ ४११ ४२२ ४२३ ४३१ ४४१ ४४२ ४४६ ४५० ४५२ ४५६ ४६१ ४६५ ४६८ ૪૨૭ ५०० ५०३
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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