SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 197
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ लेखक - परिचय आचार्य श्री तुलसी -- जैन विश्व भारती की अन्तश्चेतना के प्राणस्रोत युगप्रधान जैनाचार्य, जिनके वाचना- प्रमुखत्व में प्रागम-संशोधन एवं अनुवाद का महत्त्वपूर्ण कार्य अनवरत रूप से हो रहा है । - मुनि श्री नथमल — अनेक ग्रागम-ग्रन्थों के सम्पादक; मूर्धन्य विद्वान् एवं चिन्तक ; अनेक मौलिक ग्रन्थों के प्रणेता । मुनि श्री दुलहराज - आगम ग्रन्थ- सम्पादन - कार्य के अनन्य सहयोगी ; संस्कृत, प्राकृत आदि भाषाओं के विद्वान् । मुनि श्री महेन्द्र कुमार —– जैन साहित्य तथा गणित और विज्ञान के विशेषज्ञ; अनेक अमूल्य ग्रन्थों के प्रणेता । श्री श्रीचन्द रामपुरिया — कुलपति, जैन विश्व भारती, लाडनूं; जैनविद्या एवं प्राच्यविद्या से सम्बन्धित अनेक ग्रन्थों एवं शोध निबन्धों के लेखक; आगम-ग्रन्थों के व्यवस्था सम्पादक । डा० नथमल टाटिया - निदेशक, शिक्षा एवं शोध, जैन विश्व भारती, लाडनू ं ; भूतपूर्व निदेशक, पालि शोध संस्थान, नालन्दा और प्राकृत- जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली; जैन दर्शन, बौद्ध दर्शन एवं अन्य भारतीय दर्शनों के अधिकारी विद्वान्; जैन दर्शन विषयक अनेक ग्रन्थों के प्रणेता । डा० टी० जी० कालघाटगे - प्राचार्य एवं अध्यक्ष, प्राकृत विभाग, मैसूर विश्वविद्यालय; प्राकृत भाषा और साहित्य के अधिकारी विद्वान्; अनेक पुस्तकों के लेखक । डा० ज्योति प्रसाद जैन- जैन विद्या के क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठ लेखक और सम्पादक । डा० दयानन्द भार्गव - उपाचार्य, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय; जैनदर्शन एवं प्राचीन भारतीय दर्शनों के लब्ध प्रतिष्ठ विद्वान्; जैन दर्शन विषयक अनेक ग्रन्थों के प्रणेता; सह-निदेशक, शिक्षा एवं शोध, जैन विश्व भारती, लाडनूँ । डा० शक्तिधर शर्मा - रीडर भौतिकी विभाग, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, भारतीय ज्योतिष के लब्ध प्रतिष्ठ विद्वान् । डा० सज्जन सिंह लिश्क— पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, जैन ज्योतिष के विशेषज्ञ | श्री जगदीश सिंह सिसोदिया- पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला, जैन ज्योतिष के विद्वान् । डा० उदयचन्द्र जैन — प्राध्यापक, संस्कृत कालेज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय; जैन विद्या के क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठ विद्वान् एवं अनेक ग्रन्थों के लेखक | डा० प्रेम सुमन जैन- - प्राध्यापक, संस्कृत - प्राकृत विभाग, उदयपुर विश्वविद्यालय; प्राकृत साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठ विद्वान् एवं एतद्विषयक अनेक शोध- निबन्धों के लेखक । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524510
Book TitleTulsi Prajna 1977 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Rampuriya, Nathmal Tatia, Dayanand Bhargav
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1977
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy