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________________ जैन विश्व भारती, लाडनू ं ( राजस्थान ) का वार्षिक प्रतिवेदन आदरणीय अध्यक्ष महोदय एवं जैन विश्व भारती के सदस्यगण, साधना के विशाल संस्थान विकास कोई साधारण आचार्यप्रवर के आशीर्वाद पांच वर्षों में के सभी लोगों के सहयोग से यह संस्थान दिनांक २२ अगस्त १९७० को जैन विश्व भारती का संविधान सरकार से पंजियन करा लिया गया था। पांच वर्ष व्यतीत हो गये । प्रातःस्मरणीय आचार्य - प्रवर का यह चिन्तन चल रहा था कि ऐसा कोई संस्थान हो, जहां जैन एवं प्राच्य विद्याओं का अध्ययन भली प्रकार से हो सके । जब भगवान् महावीर को पच्चीसवीं निर्वाण शताब्दी की समयोजना हुई, समाज के प्रबुद्ध लोगों ने आचार्यप्रवर के विचारों को "जैन विश्व भारती" की स्थापना कर साकार रूप दिया। जैन विश्व भारती की परिकल्पना, जैन विद्या की शिक्षा, शोध और के रूप में की गयी है। ऐपे संस्थानों का निर्माण व उनका कार्य नहीं था पर प्रसन्नता की बात है कि से, कार्यकर्ताओं के उत्साह से तथा समाज तीव्र गति से विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। गत पांच वर्षों में जैन विश्व भारती की प्रवृत्तियां विशेष रूप से भूमि प्राप्ति, चहारदीवारी निर्माण, भवन निर्माण, साहित्य-निर्माण, साहित्य प्रकाशन, साहित्य-क्रय और कार्यकर्ताओं के संयोजन में लगी रहीं । अखिल भारतीय स्तर के जैन दर्शन परिषद के कई अधिवेशन, कई साधना शिविरों द्वारा ध्यान का अभ्यास, छात्रवृत्ति देना, 'अनुसंधान पत्रिका' बाद में 'तुलसी प्रज्ञा' त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन, पारमार्थिक शिक्षण संस्था की बहिनों की विशेष शिक्षा की व्यवस्था करना, बिजली-पानी व टेलिफोन की लाइन पहुंचाना तथा जैन विश्व भारती का स्वयं का अपना पाठ्यक्रम आदि इसकी प्रमुख उपलब्धियां रही हैं। इनके विस्तार में न जाकर गत वर्ष जो कार्य हुआ है, उसका संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहा हूं । विश्व भारती तक निर्धारित करना दिनांक १६ सितम्बर १९७५ गत Jain Education International जैन विश्व भारती की समस्त प्रवृत्तियों को लिए संस्था के चतुर्थ अधिवेशन दिनांक १० जुलाई ७४ को किया गया। प्रत्येक विभाग का कार्य प्रगति विवरण इस प्रकार रहा तुलसी प्रज्ञा- ३ For Private & Personal Use Only सुचारु रूप से चलाने के विभिन्न विभागों का गठन ८६ www.jainelibrary.org
SR No.524503
Book TitleTulsi Prajna 1975 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Gelada
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages116
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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