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________________ कैंसर की जड़ मांसाहार पाँच साल तक अध्ययन के बाद वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड ने किया खुलासा। यह सामान्य सर्वे नहीं, सात हजार स्टडी रिपोर्ट्स के अध्ययन के बाद निकाला निष्कर्ष वुमन भास्कर नेटवर्क जयपुर/इंदौर- यह बात | दुनिया भर के विशेषज्ञों ने कैंसर पर हुए 7,000 सिद्ध हो चुकी है कि शाकाहारियों के मुकाबले मांस | से अधिक शोध रिपोर्टों का अध्ययन किया और पाँच खानेवालों में कैंसर की आशंका अधिक होती है। यह | साल तक इस पर काम किया। विशेषज्ञों ने भोजन पर तथ्य सामने आया है, दुनियाँ मे कैंसर पर हुए एक अध्ययन | विशेषरूप से ध्यान केंद्रित किया। इसमें पाया गया कि में। अध्ययन वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड ने अमेरिकन | मांसाहारियों में कैंसर की आशंका अधिक होती है, चाहे इंस्टिट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च के साथ मिलकर किया | उन्होंने सप्ताह में कुछ ग्राम मांस का ही सेवन क्यों है। इसमें हजारों लोगों को शामिल किया गया और लगातार | नहीं किया हो। पाँच साल तक स्टडी चलती रही। मांसाहार के साथ मोटापा भी उन कारकों में से अध्ययन में कैंसर का मुख्य कारण जो सामने एक था, जो कैंसर को आमंत्रित करता है। रिपोर्ट के आया, वह था 'मांस'। यद्यपि इस तरह की कई रिपोर्ट्स | अनुसार मोटापे और मांसाहार के कारण आमाशय, आंत, और स्टडीज काफी समय से सामने आ रही थी कि | गुर्दे, अग्नाशय (पैनक्रियाज) व स्तन में कैंसर होने का मांस और कैंसर का गहरा नाता है, किंतु अब यह सिद्ध | खतरा ज्यादा रहता है। हो चुका है कि मांस खानेवालों में कैंसर होने के चांस | ये भी हैं खतरें कई गुना ज्यादा होते हैं, खासतौर पर लाल मांस खाने रिपोर्ट में कुछ और बातें भी सामने आई हैंवालों में। हर रोज 50 ग्राम प्रोसेस्ड मांस कॉलेक्टरल कैंसर कैसे रहें स्वस्थ ? के खतरे को 21 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड ने कैंसर का खतरा कम अल्कोहल (शराब) का सेवन मुँह, गले, स्तन, करने के लिए कुछ टिप्स दी हैं- मांसाहार बिलकुल | आँत एवं लीवर के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। त्याग दें। फल कैसे बचाते हैं कैंसर से प्रोसेस्ड व लाल मांस कैंसर के लिए सबसे बड़ा | फलों में ऐसे कैमिकल होते हैं जो कोशिकाओं खलनायक है, खासतौर पर बेकन, हैम, सासेजेस आदि।। को पूर्ण विकसित होने देते हैं। इस तरह कोशिकाओं प्रतिदिन पाँच बार अलग-अलग समय पर फल में कैंसर होने के चांस कम होते हैं और इनमें बीमारियों व सब्जियों का सेवन करें। के खिलाफ रेसिसटेंस ज्यादा होता है। . शराब व सिगरेट का सेवन भी कैंसर के खतरे | मांसाहार को दुत्कारते किस्से को बढ़ाता है। प्रोसेस्ड फूड, चीनी व नमक का इस्तेमाल कम होना चाहिए। __मांस का ट्रेंड जहाँ तेजी से बढ़ रहा है, वहीं । बिश्नोई समुदाय ऐसा है, जिसमें मांस के सेवन पर सख्त कैसे बढ़ाएँ फलों का इनटेक पाबंदी है। मान्यता है कि बिश्नोई समुदाय के धर्मगुरु फ्रिज में फल व सब्जियाँ स्नेक के रूप में तैयार | | जंभेश्वर को जीवों से प्रेम था। समाज को सद्मार्ग पर रखें। पालक व दूसरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ सलाद पत्ते : } ले जाने के लिए उन्होंने 29 नियम बनाए थे। इनमें जीवों की जगह इस्तेमाल करें। फलों को दूसरे स्नेक की जगह पर दया और शाकाहार शामिल है। इसी वजह से समाज खाएँ। कोल्ड ड्रिंक की जगह फलों का रस पीएँ। दालों | का कोई व्यक्ति मांस नहीं खाता। या बीन्स का शोरबा खाने की अच्छी शुरुआत है। | नागौर में सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह पर - मार्च 2008 जिनभाषित 24 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524326
Book TitleJinabhashita 2008 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2008
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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