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________________ अनुशासित जीवनशैली विकसित करें । आप समय बचाने का सदैव प्रयास करें। प्रतीक्षा के समय का सदुपयोग करें । सदैव रचनात्मक कार्य करें और समय का सार्थक उपयोग करें। बस और ट्रेन में बैठने के समय का उपयोग हलके-फुलके काम करने और पढ़ने में करें। कभी भी बस और ट्रेन में बिना पुस्तक के नहीं बैठें। जब भी ट्रैफिक में फस जायें, तो पुस्तक को बाहर निकालकर पढ़े। विचारों को लिखने के लिए नोट पैड भी रखें। इस प्रकार आप व्यक्तिगत विकास और काम के लिए आप कुछ अतिरिक्त घण्टे हासिल कर सकते है । ब्रश करते समय अच्छी बाते स्मरण करें। स्नान करते समय अच्छे गीत आशा आशा ही संसार है, नर जीवन सुख मूल, हो निराश मन मर गया, हृदय गढ़ा सा शूल । आशा ऊर्जा - ज्योति है, तम हर, दे पुरुषार्थ, धर्म, अर्थ, अरूकाम, शिव, आशा से परमार्थ । 22 अप्रैल 2007 जिनभाषित गुनगुनाएँ । अपनी शारीरिक और मानसिक स्फूति के क्षणों का निर्धारण करें। सर्वोच्च महत्त्व के कार्य इसी समय करें । स्वागत एवं सामाजिक संबंधों के लिए समय निर्धारित करें। अंत में प्रत्येक छोटी बहिन बेटी एवं बहू को मेरी यह विनम्र सलाह है कि अतिभोग से बचें। अतिवादी जीवन से बचकर सम्यक् जीवन, प्राचीन और अर्वाचीन श्रेष्ठ जीवन मूल्यों का व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक धरातल पर समन्वय करें और समकालीन परिस्थितियों में शाश्वत जीवन मूल्यों के संरक्षण का सार्थक प्रयास करें। 'मुक्तक-मणियाँ' Jain Education International विद्या नव निधि का भण्डार है, देवे यश सम्मान, स्व-परहित सिंचित करे, नित प्रति बढ़ती शान । विद्या - विनयविभूषिता, कभी न हो कंगाल, मरे, अमर, स्मृति रहे, मिटे न काल कराल । , प्रेम पावन प्रेम पीयूष है, लोकालोक का सत्व, नि:स्वारथ जहाँ प्रेम हो, प्रकट होय अमरत्व | प्रेमप्रभा प्रमुदित करे, कष्ट अशांति अतीत, सच्चा प्रेम प्रसाद प्रभु, मिले जगत जग मीत। 30, निशात कॉलोनी, भोपाल, म.प्र. 462003 For Private & Personal Use Only कर्मयोग नर त्रियोग को साधकर, कृत्य करहि सुविचार, सन्मुख जो कर्त्तव्य है, प्रेयस वही सभार । अनासक्त निष्काम कृत, कहलाता है श्रेष्ठ, सुयश, सफल अमरत्व है, कर्मयोग जग ज्येष्ठ । डॉ. विमला जैन 'विमल' 1 / 344, सुहागनगर, ,फिरोजाबाद www.jainelibrary.org
SR No.524316
Book TitleJinabhashita 2007 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2007
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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