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________________ पत्र दिया और बड़े बाबा की मूर्ति को ढकने और सुरक्षित । २. बड़े बाबा की मूर्ति जैन समाज द्वारा पूजित है। करने की अनुमति माँगी। याचिकाकर्ता-भा.पुरा.सर्वेक्षण ने | कुण्डलपुर ट्रस्ट पूजा, मरम्मत और रखरखाव का कार्य इसका घोर प्रतिवाद किया और प्रार्थना पत्र द्वारा 'कमिश्नर' करता है (मन्दिर और मूर्ति दोनों का)। नियुक्त करने का अनुरोध किया जो न्णयालय को दिन- | ३. वर्तमान में मूर्ति खुले स्थान में निर्माणाधीन मन्दिर प्रति-दिन की सूचना दे। स्थगन आदेश के बाद भी मूर्ति | में आवृत है। वह किसी शेड से ढकी नहीं है। स्थानांतरित करने का आरोप लगाया। (पद ७ एवं ८) ४. प्रति प्रार्थियों (९ से ११) ने नौ करोड़ रु. की तर्क लागत से नया निर्माण किया है। उक्त आदेश के पद ९ से १२ तक उभयपक्षों के तर्क | दोनों पक्षकार मूर्ति की संरक्षा आवश्यक मानते हैं। एवं राज्य शासन के तर्क एवं राज्य शासन के तर्क की याचिकाकर्ता फाइवर ग्लास से ढकना चाहता है जबकि प्रति समीक्षा है। प्रार्थीगण मूर्ति पर धार्मिक नियमानुसार पक्का प्रोटेक्सन ___याचिकाकर्ता ने कहा कि बड़े बाबा की मूर्ति एवं | (शिखर) बनाना चाहते हैं। (पद १३) तर्क के मध्य उन्होंने मंदिर प्राचीन संरक्षित स्मारक एवं एन्टीक्यूटी (निर्जीव | मन्दिर निर्माण का नक्शा प्रस्तुत किया। उसके अने 'एक्स' वस्तु) है। प्रति प्रार्थी ने इस पर आपत्ति की और उसे धार्मिक | में हरा चिह्नित क्षेत्र नये निर्माण का विद्यमान क्षेत्र है। नक्शा में भावनाओं से जुदा जैन समाज का मंदिर निरूपित किया। नीला चिह्नित क्षेत्र प्रस्तावित निर्माण का है जबकि अन्य यदि यह संरक्षित स्थल था तो याचिकाकर्ता को उसकी | निर्माण लाल रंग से चिह्नित है। (पद १४) मरम्मत/रक्षा आदि करना थी जो उसने आज तक नहीं किया। दोनों पक्षों का विवाद दोनों को सुनकर ही निपटाया (पद ९) जा सकता है जो इस स्तर पर संभव नहीं है। अस्तु उक्त राज्य शासन के महान्यायवादी ने कहा कि बड़े बाबा | प्रार्थनापत्रों पर विचारकर मूर्ति के हित की रक्षा करना है। जैन समाज द्वारा पूज्य हैं और उनकी धार्मिक भावनाओं से | | (पद १५) जुड़े हैं। पुराना मंदिर जीर्णशीर्ण था जिस कारण मूर्ति सुरक्षित पद १६ में माननीय न्यायालय में तथ्यों का विवेचन नये स्थान पर स्थानांतरित की गयी। जैन समाज की धार्मिक | किया और विचारणा करते हुए लिखा कि यह ध्यान रखना भावनाओं को देखते हुए प्रति प्रार्थी कुण्डलपुर ट्रस्ट को | होगा कि पुराना ढाँचा प्राचीन संरक्षित स्मारक था और बिना मंदिर पूर्ण करने की अनुमति दी जाये उससे मूर्ति सुरक्षित | अनुमति के मूर्ति नये मन्दिर में शिफ्ट की है तो उसे गम्भीरता रहेगी और जैन समाज पूजा कर सकेगी। (पद १०) से लिया जायेगा क्योंकि किसी को कानून हाथ में लेने की याचिकाकर्ता ने विरोध करते हुए नये मन्दिर के निर्माण | अनुमति नहीं दी जा सकती। दूसरी ओर यह भी तथ्य है कि को गलत, कार्य सही होना बताया और कहा कि हवा-धूप | प्रति पक्षी क्रमांक ९,१०,११ ने मूर्ति शिफ्ट करने हेतु नया से मूर्ति की सुरक्षा हेतु याचिकाकर्ता फाइवर ग्लास का | निर्माण किया है जो विश्वास एवं पूज्यता का सूचक है और अस्थायी शेड बनाने को तैयार है। (पद ११) प्रथम दष्टता ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिपक्षियों की ओर से प्रति प्रार्थी कुण्डलपुर ट्रस्ट के अधिवक्ता ने कहा | भारी धनराशि व्ययकर मूर्ति के शिफ्टिंग में कोई दुर्भावना कि जैन परम्परा में मूर्ति पर 'आइरन शेड' नहीं रखा जा (मालाफाइड इन्टेन्सन) नहीं है। फिर भी याचिकाकर्ता की सकता और धार्मिक नियम के अनुसार मूर्ति की संरक्षा हेतु | | प्रार्थना एवं प्रतिवादी ने अपने पक्ष को प्रस्तुत किया है। प्रति प्रार्थी तैयार है।न्यायालय जो भी आवश्यक शर्ते निर्धारित परिस्थितियों के संदर्भ में इन बिन्दओं का निर्णय किये बिना करेगा, वह उनका पालन करेगा। याचिकाकर्ता ने इसका | अंतरिमरूप से मूर्ति की संरक्षा आवश्यक माना। (पद १६) विरोध किया। राज्य शासन ने विरोध नहीं किया। (पद १२) पद १७ में अस्थायी शेड निर्माण के उभयपक्षों के निष्कर्ष तर्कों की समीक्षा करते हुए माननीय न्यायालय ने कहा कि माननीय न्यायालय ने स्थगन स्थिति अनुसार निम्न | प्रतिपक्ष कुण्डलपुर ट्रस्ट अपनी ओर से निर्माण का संपूर्ण तथ्य अतिवादित पाये व्यय वहन करेगा और उसने अने. एक्स में हरे रंग से दर्शाये १. नये मन्दिर में मूर्ति दि. १७/०१/२००६ को शिफ्ट स्थल पर भारी व्यय किया है और नीले रंग में दर्शाये स्थल हुई। समय विवादित है। पर व्यय करने को तैयार है लेकिन इस स्तर पर याचिकाकर्ता 14 फरवरी 2007 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524314
Book TitleJinabhashita 2007 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2007
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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