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________________ टिकिट भेजकर प्राप्त किये जा सकते हैं। गुलाबचन्द बाकलीवाल जैन तिथि दर्पण प्रकाशन समिति ३५/१, नार्थ राजा मोहल्ला, इन्दौर - ४५२००२ एन.सी.ई.आर.टी. में सदस्य के रूप में नामांकन विगत माह श्री दामोदर जी जैन कनिष्ठ व्याख्याता जिला शिक्षा एवं प्राथमिक संस्थान कुण्डेश्वर, टीकमगढ़ (म.प्र.) को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.आर.टी.) नई दिल्ली की साधारण सभा का सदस्य नामांकित किया गया है। इस सभा में देश के सभी प्रदेशों के शिक्षामंत्री विश्वविद्यालय के चार कुलपति यू.जी.सी. और सी.बी.एस.ई. के अध्यक्ष, देश के विख्यात शिक्षाविदों सहित देश के चार शिक्षकों को शामिल किया जाता है। परिषद् का मुख्य कार्य शैक्षिक संदर्भ में शासन को सलाह देना तथा शोध आधारित परियोजनाओं का संचालन करना है । इस परिषद के अध्यक्ष केन्द्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री माननीय श्री अर्जुन सिंह जी और निदेशक देश के विख्यात शिक्षाविद् कृष्ण कुमार जी हैं । परिषद् द्वारा नई शिक्षा नीति १९८६ के अनुसार पाठ्यचर्चा वर्ष २००५ तैयार कर अनुमोदित किए जाने उपरांत इसे लागू किए जाने की ओर कदम बढ़ाया है। शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में परिषद के कार्यों में सहभागिता के माध्यम से श्री दामोदर जी जैन का संकल्प है कि वे शिक्षकों की रचानाधर्मिता को बढ़ावा देने के सार्थक प्रयास करते रहेंगे। हजारीबाग (झारखण्ड में ) श्री भक्तामर स्तोत्र अनुशीलन राष्ट्रीय वित संगोष्ठी २००५ सम्पन्न हजारीबाग, दि. जैन पंचायत एवं चातुर्मास व्यवस्था समिति के सौजन्य से पूज्य मुनिवर श्री प्रमाणसागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य में त्रिदिवसीय ( २४ से २६ सितम्बर २००५) संगोष्ठी सात सत्रों में सम्पन्न हुई जिसमें छ: राज्यों के १६ विद्वानों ने अपने शोधपूर्ण आलेखों का वाचन एवं शंका समाधान से चर्चा में भाग लिया । विवरण निम्नानुसार है पं० शिवचरन लाल जैन (मैनपुरी), डॉ० रमेशचन्द्र जैन (बिजनौर), पं० निर्मल जैन (सतना), डॉ० शीतलचन्द जैन (जयपुर), प्राचार्य निहालचन्द जैन (बीना), डॉ० फूलचन्द 32 नवम्बर 2005 जिनभाषित Jain Education International प्रेमी (बनारस), डॉ० सुरेन्द्रकुमार भारती ( बुरहानपुर), श्री अनूपचंद जैन एडव्होकेट (फिरोजाबाद), पं० विनोद कुमार प्रतिष्ठाचार्य, पं० सिद्धार्थ कुमार जैन (सतना), पं० पंकजकुमार जैन (रांची), डॉ० मुन्नी पुष्पा जैन (वाराणसी), डॉ० विश्वनाथ सिंह चौधरी (आरा), पं० रतनलाल विनायका प्रतिष्ठाचार्य (हजारीबाग), छीतरमल पाटनी (स्थानीय संयोजक हजारी बाग), युवा संगीतकार सिद्धार्थ जैन (बीना) । हजारीबाग की धर्मप्राण समाज ने पठित आलेखों को पुस्तकाकार प्रकाशन का निर्णय लिया है। प्रत्येक सत्र के अंत में पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी के भक्तामर स्तोत्र के विविध पहलुओं पर गवेषणापूर्ण मांगलिक प्रवचन हुये । समस्त आगत विद्वानों को श्री सम्मेदशिखर जी की वंदना का सुअवसर हजारीबाग की समाज ने सुलभ कराया। धर्मापुर हुआ डीमापुर (नागालैण्ड ) आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के शिष्य ब्र. संजीव भैया (कटंगी) के सान्निध्य में पर्युषण पर्व धर्म - ध्यान के साथ संपन्न हुआ । प्रात: अभिषेक, फिल्मी धुनों के बिना, शान्त - स्वर - मय सामूहिक पूजन, मध्यान्ह तत्त्वार्थसूत्र का सारगर्भित अर्थ, रात्रि - हृदयस्पर्शी, मधुरशैली में धर्म-प्रवचन का लाभ समाज को मिला। सरल, सटीक और ओजस्वी पूर्ण प्रस्तुतिकरण करने की कला से भैया जी ने संपूर्ण डीमापुर समाज को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंतिम 2 दिन 42 युवा भाइयों का गृहत्याग विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। रतनलाल विनायका मंत्री आवश्यक सूचना ज्ञातव्य हो कि कुछ असामाजिक व्यक्तियों द्वारा श्री अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा) में कमरों के निर्माण हेतु अनाधिकृत रूप से रसीद छपवाकर चंदा वसूली की जा रही है। ऐसे व्यक्तियों को लोग चंदा न देवें एवं उन्हें पकड़वाकर बीना (बारहा) कमेटी को सहयोग प्रदान करें। कृपया इस पते पर संपर्क कर ऐसे व्यक्तियों की जानकारी समिति को देवें । क्षेत्र ने प्रचारक नही रखा है न किसी प्रकार का दान प्रचारकों को दिया जावे। अध्यक्ष श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बीना (बारहा ) बीना, तह. - देवरी, जिला - सागर (म. प्र. ) 470226 फोन : 9425451153 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524302
Book TitleJinabhashita 2005 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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