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________________ पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम गुरुकुल, एलोरा के छात्रों का बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत सुयश सन 1962 में स्थापित श्री पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम एलोरा संचालित 'गुरूदेव समंतभद्र विद्या मंदिर' एलोरा इस विद्यालय में कक्षा 5 वीं तक 1100 छात्र अध्ययन करते हैं। विद्यालय परिणाम 85.71 प्रतिशत रहा। इनमें चि. कमलेश कचरूदास वैष्णव इस छात्र ने 86.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर औरंगाबाद विभाग में अपंग छात्रों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। कु. पहाडे मितुषा महावीर ने 85.86 प्रतिशत अंक लेकर द्वितीय स्थान प्राप्त किया। तहसील में भी इन छात्रों ने प्रथम, द्वितीय स्थान प्राप्त किया है । श्री पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम गुरुकुल के २५ में से २५ छात्र उत्तीर्ण हुए। इस तरह गुरूकुल का रिजल्ट शत प्रति गुलाबचंद बोराळकर, एलोरा आष्टा (म.प्र.) में कलशारोहण महोत्सव सम्पन्न शत रहा । देवाधिदेव १००८ पार्श्वनाथ भगवान की असीम अनुकम्पा से संत शिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से परम विदुषी आज्ञानुवर्ती परम पूज्य आर्यिकारत्न १०५ मृदुमती माताजी ससंघ आर्यिका श्री निर्णयमती माताजी, प्रसन्नमती माताजी एवम् परमश्रद्धेय परमविदुषी प्रवचनमणि पुष्पा दीदी रहली, बा.ब्र. सुनीता दीदी पिपरई के सान्निध्य में दिनांक ९ जून २००५ से १२ जून २००५ तक श्री मज्जिनेन्द्र कलशारोहण महोत्सव एवं विश्व शान्तिमहायज्ञ का भव्य आयोजन शतकाधिक इन्द्र - इन्द्राणियों द्वारा प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र. अनिल भैया जी भोपाल के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। यशपाल जैन स्मृति पुरस्कार एवं निबन्ध प्रतियोगिता प्रख्यात गांधीवादी चिन्तक और विचारक पद्मश्री यशपाल जैन की पांचवी पुण्य तिथि के अवसर पर उनकी स्मृति में दो ऐसे महानुभावों का सम्मान करने की योजना है जो भारतीय परम्पराओं, जीवन मूल्यों की रक्षा और उनकी पुनर्स्थापना में विभिन्न प्रकार से ( लेखन, सम्पादन, समाज सेवा, शिक्षा या अन्य कोई ) सतत् प्रयत्नशील हैं । पुरस्कार के लिए दो आयु वर्ग निर्धारित किए गए हैं- ४० वर्ष से कम, ४० वर्ष से अधिक। पुरस्कार के लिए चयनित दोनों महानुभावों 32 अगस्त 2005 जिनभाषित Jain Education International को २१ - २१ हजार रू. नकद, स्मृति चिन्ह, शॉल व श्रीफल से सम्मानित किया जायेगा। 'यशपाल जैन स्मृति' की ओर से इन पुरस्कारों के लिए उपयुक्त महानुभावों के प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं । प्रस्ताव भेजते समय सम्बन्धित व्यक्तितत्व, कृतित्व और उपलब्धियों का पूर्ण ब्यौरा संलग्न होना आवश्यक है । प्रस्ताव निर्धारित आवेदन-पत्र पर ही स्वीकार किए जाएँगे जो निम्नलिखित पते से मंगाया जा सकता है। इस अवसर पर एक निबन्ध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है जिसका विषय है, 'भारतीय परम्पराओं और जीवन मूल्यों की रक्षा कैसे हो ।' इस प्रतियोगिता के लिए २ वर्ग निर्धारित किए गए हैं 1. स्कूल स्तर : कक्षा 12 तक, 2. कॉलेज स्तर : स्नातकोत्तर तक । प्रत्येक वर्ग में निम्न प्रकार पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे :- प्रथम 3000/, द्वितीय 2000 /, दो सांत्वना पुरस्कार 500-500 रुपये प्रत्येक । 'यशपाल जैन स्मृति पुरस्कार', हेतु प्रविष्टि तथा निबन्ध प्रतियोगिता हेतु निबन्ध हमारे कार्यालय से प्राप्त होने की अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2005 रहेगी। पुरस्कार अक्टूबर 2005 माह में नई दिल्ली में एक गरिमापूर्ण समारोह में प्रदान किए जाएंगे। वीरेन्द्र प्रभाकर शुभ-विवाह सम्पन्न आगरा निवासी श्री अशोक जैन गोधा के सुपुत्र चि. आशीष जैन एवं अलीगढ़ निवासी श्री प्रकाशचंद जैन पहाड़िया की सुपुत्री सौ. कां. खुशबू जैन का शुभ-विवाह दिनांक १० जुलाई २००५ को सानंद सम्पन्न हुआ। जिनभाषित के लिए ५०१ रु. प्राप्त हुये । जरूर सुनें सन्त - शिरोमणि आचार्यरत्न श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आध्यात्मिक एवं सारगर्भित प्रवचनों का प्रसारण 'साधना चैनल' पर प्रतिदिन रात्रि 9.30 से 10.00 बजे तक किया जा रहा है, अवश्य सुनें । नोट: यदि आपके शहर में 'साधना चैनल' न आता हो तो कृपया मोबाइल नं. 09312214382 पर अवश्य सूचित करें । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524299
Book TitleJinabhashita 2005 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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