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________________ फिर अगले कुछ हफ्तों के दौरान कार्बनडाईआक्साइड और पानी में । फैले विशेष रूप से इसे ऐसे स्थान पर डाला जाए जहाँ यह पशुओं टूटकर पूरी तरह से गायब हो जाता है। प्लास्टिक कंपनी का दावा | की पहुँच से भी बाहर रहे और वे इसे खा नहीं पाएँ। तो यहाँ तक है कि आप चाहें तो इस प्लास्टिक को खा भी सकते 7. पॉलीथिन की थैली आदि को कुंओं, तालाबों, नदियों हैं। बायोप्लास्टिक का पानी में घुलनशील होना जहाँ इसे पर्यावरण आदि जल क्षेत्रों में नहीं फेंकना चाहिए। इससे इनका पानी प्रदूषित के अनुकूल बनाता है, वहीं इसका यही गुण इसकी सफलता पर | हो जाएगा और इसके उपयोग से अनेकानेक बीमारियाँ भी पनपेंगी। प्रश्नचिन्ह भी लगाता है। बायोप्लास्टिक की थैली में बाजार से | इससे पानी में रहने वाली मछलियाँ तथा अन्य मानवोपयोगी जीव सामान लिए आ रहा कोई व्यक्ति बारिश में फंस जाए तो थैली के | भी बुरी तरह प्रभावित होते हैं। साथ-साथ सारा का सारा सामान मिट्टी में मिल जाएगा। प्लास्टिक 8. प्लास्टिक के जूते भी यथासंभव प्रयोग नहीं करने कंपनी पानी में आसानी से न घुलने वाले बायोप्लास्टिक का निर्माण | चाहिए। यदि प्रयोग करने भी पढ़ें तो अच्छी क्वालिटी के ही तथा भी कर रही है लेकिन बायोप्लास्टिक थैली की कीमत उसकी जल | कम समय के लिए ही उपयोग में लाने चाहिए क्योंकि ये हमें त्वचा प्रतिरोधी क्षमता के हिसाब से बढ़ती जाएगी। ऐसे में लोग इसे | संबंधी जटिल रोगों से ग्रसित कर सकते हैं। कितना सुविधाजनक महसूस करेंगे, यह आने वाला समय ही 9. अधिक गहरे रंग और दिखने में भद्दी पॉलीथिन के बताएगा। उपयोग से यथासंभव बचने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि ये पुराने सुरक्षित उपयोग हेतु सावधानियाँ : पॉलीथिन एवं | प्लास्टिक से रिसाइकिल करके अधिक हानिकारक रंगों का इस्तेमाल प्लास्टिक के प्रयोग को कानूनी तौर पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किए | करके बनाई जाती हैं और अधिक हानिकारक होती हैं। जाने अथवा इसके कारगर विकल्प को व्यावहारिक स्वरूप प्राप्त होने | 10. घरों में प्रयुक्त होने वाली प्लास्टिक की क्राकरी भले में निश्चित रूप से अभी कुछ समय लगेगा। अत: तब तक के लिए ही सुंदर, सस्ती और खूबसूरत लगे लेकिन उसको प्रयोग में नहीं इसके उपयोग में यदि कुछ सावधानियाँ बरती जा सकें तो इससे होने | लाना चाहिए क्योंकि इसके हानिकारक तत्व खाद्यपदार्थ के साथ वाले घातक प्रभावों को कुछ कम अवश्य किया जा सकता है, इस । हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं और कई बीमारियों को जन्म देते हैं। हेतु निम्नांकित सावधानियाँ बरती जानी चाहिए : अन्यत्र स्थानों पर भी इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। 1. बाजार से पॉलीथिन की थैलियों में दही, अचार जैसे । 11. पशुओं के गोबर आदि के साथ खाद के गड्ढों में कोई अम्लीय पदार्थ नहीं लाने चाहिए। इससे ये पदार्थ दूषित हो | प्लास्टिक/पॉलीथिन को नहीं डालना चाहिए। इससे यह खेतों में जाते हैं और इनके उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न | पहुँच जाएगी और खेत की उर्वराशक्ति को नष्ट कर उसे बंजर बना हो सकती हैं। सकती है। 2. दही, अचार आदि पदार्थों को घरों में भी प्लास्टिक के 12. प्लास्टिक या पॉलीथिन बैग्स के कचरे को किसी भी जारों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इनके विषैले तत्व इन खाने के | दशा में जलाया नहीं जाना चाहिए। इसको जलाने से अति हानिकारक पदार्थों में मिलकर हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं। गैसें निकलती हैं जो मानव स्वास्थ्य पर अति प्रतिकूल प्रभाव 3. बाजार से समान लाने हेतु पॉलीथिन की जगह कागज | छोड़ती हैं जिससे कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। के लिफाफे अथवा जूट या कपड़े के थैले, प्लास्टिक के कप और | 13. किसी भी पदार्थ को पॉलीथिन में लाने पर यदि उसमें प्लेटों की जगह मिट्टी या पत्ते के दोने आदि ही उपयोग में लाने | पॉलीथिन का थोड़ा भी रंग आ गया है तो उस पदार्थ को कदापि चाहिए। यथासंभव पॉलीथिन का उपयोग कम से कम किया जाना | भी उपयोग में नहीं लाना चाहिए। इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए चाहिए। गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है और कई प्रकार की भयानक 4. पीने के पानी की बोतलों का उपयोग केवल पीने के लिए बीमारियाँ हो सकती हैं। किया जाना चाहिए और इन बोतलों में तेल, सिरका, दूध, घी, जूस | पॉलीथिन और प्लास्टिक के उपयोग में उपर्युक्त सावधानियों जैसे तरल पदार्थ नहीं रखने चाहिए क्योंकि इससे ये खाद्य पदार्थ | को बरतने में इसके कुप्रभावों को यद्यपि पूर्णरूप से समाप्त नहीं किया प्रदूषित हो जाते हैं और कई प्रकार के रोग उत्पन्न कर सकते हैं। | जा सकता और इन्हें केवल शीघ्रगामी उपायों के रूप में सरकार द्वारा 5. पानी के लिए उपयोग की जाने वाली बोतलें विशेष रूप | इसके निर्माण, स्टोर और उपयोग को पूर्णतया प्रतिबंधित कर मानव से बच्चों को दी जाने वाली प्लास्टिक की पानी की बोतलें अच्छे | | पशु, जल, भूमि, वायु अर्थात संपूर्ण पर्यावरण को इसके घातक, किस्म की ही ली जानी चाहिए। सस्ती और घटिया बोतलें स्वास्थ्य | विध्वंसकारी कलुषित कुप्रभावों से बचाना ही श्रेयस्कर होगा। के लिए अधिक खतरनाक होती हैं। 'कुरुक्षेत्र' (ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख मासिक पत्रिका) 6. प्लास्टिक/पॉलीथिन के कचरे को एक निर्धारित और प्रभारी संपादक - ललिता खुराना सुरक्षित स्थान पर ही फेंका जाना चाहिए जिससे यह दूर तक नहीं वर्ष : 50, अंक : 9, जुलाई : 2004 से साभार 32 फरवरी-मार्च 2005 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524294
Book TitleJinabhashita 2005 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2005
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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