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अकार्बनिक रसायनों और उनमें प्रयोग होने वाले विषाक्त रंगों के | स्थित नेशनल एन्वायरमेंट ट्रस्ट द्वारा किए गए शोध निष्कर्षों के कारण ये हर प्रकार से हानिकारक होते हैं। प्लास्टिक के इन | अनुसार खाद्य पदार्थों को पॉलिथिन की थैलियों में रखे जाने पर अवयवों का उनके उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी काफी दुष्प्रभाव | पॉलिथिन से एक विषैला रसायन (विस फिनाइल) निकलता है जो पड़ता है। यदि प्लास्टिक निर्माण में सही रसायनों का प्रयोग उचित | खाद्य पदार्थों को विषैला कर देता है। मात्रा और निर्धारित सीमा में नहीं किया गया तो अधिक तापमान, 6. विशेष रूप से सड़कों और कूड़ों के ढेरों से एकत्रित की अम्लीय एवं क्षारीय अवस्था में उसके रासायनिक तत्व बाहर गई पॉलीथिन की थैलियों की प्रोसेसिंग के बाद दोबारा तैयार की निकलकर उसमें रखी सामग्री में मिलकर उसे विषाक्त बना देते हैं। | गई थैलियों में लाई गई खाद्य सामग्री अधिक प्रदूषित हो जाती है।
पॉलिथिन/प्लास्टिक के प्रयोग से खतरे : प्लास्टिक, | जिससे मानव स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ता है। यद्यपि ऐसी पॉलिथिन बैग या डिब्बों अथवा बोतलों में विभिन्न खाद्य पदार्थों की | थैलियों का निर्माण, क्रय-विक्रय और प्रयोग को प्रतिबंधित कर पैकिंग करने और लाने-ले जाने के लिए इनका इस्तेमाल करने से | दिया गया है। लेकिन प्रतिबंधित का कहीं भी कोई खास प्रभाव खाद्य पदार्थों के प्रदूषित हो जाने से स्वास्थ्य को तो खतरा होता ही | नजर नहीं आ रहा है। है, साथ ही प्रयोग के उपरांत इनको फेंक देने या नष्ट करने से भी 7. नवीनतम शोध परिणामों से प्राप्त नि कर्ष बताते हैं कि पर्यावरण, मानव, भूमि, जलस्त्रोत तथा पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, | पॉलिथिन की थैलियों का इस्तेमाल लोगों को नपुंसक बना सकता वनस्पति आदि सभी पर इनका अति हानिकारक प्रभाव होता है। | है और साथ ही सेक्स संबंधी अन्य विकृतियाँ पैदा कर सकता है। सामान्य तौर पर इसके निम्नांकित दृष्प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते | 8. नदी और तालाबों में पॉलीथिन के थैले में रखकर फेंके
गए पदार्थों के कारण पॉलीथिन के पानी के नीचे बैठ जाने पर जल 1. कूड़े-करकट, शाक-सब्जी के छिलकों और बेकार | में उगने वाली लिचिन, मांस आदि वनस्पतियाँ नष्ट भी हो जाती है खाद्य पदार्थों को पॉलीथिन की थैलियों के साथ फेंके जाने से इन्हें | तथा वहाँ पर और भी उग नहीं पाती जिससे वहाँ इन वनस्पतियों गायों, सूअर, बंदर, कुत्ते आदि पशुओं द्वारा खा लिए जाने पर उनकी | पर निर्भर करने वाले जीव-जंतु नष्ट हो जाते हैं। जान तक का खतरा रहता है। क्योंकि ये उनकी आंतों में फंस जाती | 9. बहुतायत से प्रयोग में लाई जा रही पॉलीथिन की हैं और इससे पाचन संबंधी विकार होने के साथ-साथ पशुओं की | थैलियाँ नाले-नालियों तथा शहरी क्षेत्रों में सीवर लाइनों में पहुँचकर मौत तक हो जाती है। पिछले 5-7 वर्षों में इनके कारण पशुओं की | उनको अवरूद्ध कर देती है। जिससे आजकल विशेष रूप से सभी मौतों में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है।
बड़े नगरों में नालों और सीवर जाम की समस्याएँ आम रूप से उत्पन्न 2. पॉलीथिन बैग्स, प्लास्टिक की बोतल या डिब्बों को नष्ट | हो रही हैं और वहाँ वातावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। करने के उद्देश्य से इसे जमीन में दबा देने से अथवा इनके किसी भी | 10. पॉलिथिन में पाए जाने वाले कुछ घातक तत्व जैसे तरह खेतों में पहुँचकर मिट्टी में दब जाने से भूमि प्रदूषण होता है। पॉलिविनायल क्लोराइड, कैडमियम, जस्ता, लैड, मिथाइल, भूमि के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ऐसे स्थान पर कोई पौधा भी | एक्रिलेमाइड, आक्टाइल, थैलेट कैंसर के अतिरिक्त गुर्दे और फेफड़े नहीं उग पाता और अन्तत: ये कृषियोग्य भूमि को बेकार बना देते | संबंधी बीमारियों के लिए विशेष रूप से उत्तरदायी होते हैं। हैं क्योंकि जमीन में इनके गलने में अनेक वर्ष लग जाते हैं। मिट्टी 11. पॉलीथिन को जलाने पर हाइड्रोजन क्लोराइड, क्लोरीन में इनके दबे होने के स्थान पर कोई भी पेड़-पौधे उग नहीं पाते हैं | और सल्फर-डाइआक्साइड नामक खतरनाक गैसें निकलती हैं और उपजाऊ भूमि धीरे-धीरे बंजर होने लगती है।
जिनमें दम घुटने का खतरा रहता है। 3. जमीन में प्लास्टिक या पॉलिथिन दबा देने से उसके | 12. प्लास्टिक के जूते और इसी के अवयवों से बनने वाले आसपास का सतही जल भी प्रदूषित हो जाता है क्योंकि इससे पॉलिस्टर कपड़े पहनने से भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। जमीन के अंदर जल में विषैले तत्व पहुँच जाते हैं और उसे प्रदूषित इनके प्रयोग से अनेक प्रकार के चर्म रोग हो सकते हैं। जिनका कर देते हैं।
उपचार भी बहुत कठिन होता है। 4. इसे नष्ट करने के लिए पॉलिस्ट्रीन प्लास्टिक जलाने से । नियंत्रण हेतुप्रभावी कदम : यद्यपि प्लास्टिक का नियंत्रित क्लोरोफ्लोरो कार्बन बाहर आते हैं जो जीवनरक्षक ओजोन परत को | उत्पादन तथा उपयोग ही पर्यावरण सुरक्षा का एकमात्र उपाय है। नष्ट करते हैं। इससे पराबैंगनी किरणों के पृथ्वी तक पहुँचने के कारण | इसके लिए सरकारी नीतियों के निर्माण के साथ व्यापक जनकैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती है।
सहभागिता भी जरूरी है। प्लास्टिक के उपयोग के खतरे और इसके 5. रंगीन पॉलिथिन में हानिकारक रंगों का प्रयोग किया | सुरक्षात्मक उपयोग के संबंध में जन सामान जाता है। इनमें तरल खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दही, घी, पानी, जूस | देने के लिए वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार की भी महती आवश्यकता आदि में इनका रंग छूटकर मिल जाने से मानव स्वास्थ्य को गंभीर | है। इसे जनांदोलन के रूप में चलाने के लिए सरकारी प्रचार-प्रसार खतरा है और अनेक बीमारियों का कारण बन सकता है। वाशिंगटन | माध्यमों का भरपूर उपयोग, पंचायतों और स्थानीय संस्थाओं की 30 फरवरी-मार्च 2005 जिनभाषित
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