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हुआ। ऐसा कहा जाता है कि प्रसिद्ध जैन ग्रंथ तत्त्वार्थसूत्र | विभिन्न जैन मंदिरों में पूजित होती रही हैं पर विभाजन के
और लघु शांति स्त्रोत तक्षशिला में ही लिखे गये थे। यहाँ पश्चात जैन श्रावक न रह जाने से संग्रहालय पहुंचा दी गईं। खण्डित अवस्था में एक जैन स्तूप आज भी विद्यमान है। रावलपिण्डी-लाहौर मार्ग पर पोठोहर क्षेत्र में काफिर कोट्स ____ पाकिस्तान में सबसे अधिक जैन धर्मावलम्बी लाहौर
में भी एक जैन मंदिर खण्डित स्थिति में अभी भी विद्यमान में रहते थे। यहाँ अनारकली बाजार के पास शालमी चौक
है। पाकिस्तान के एक अन्य प्रमुख शहर मुल्तान में बहुत पर एक विशाल जैन मंदिर था। शहर का दूसरा जैन मंदिर
सुंदर जैन मंदिर स्थित था, जिसकी शिखरबंदी और पट्टे लक्ष्मीचौक के पास था। इनके अलावा चुभुरजी क्षेत्र में
पालिताना के मंदिरों के समान थे। जयपुर के एक दिगम्बर श्यामनगर और कृष्णनगर में भी छोटे-छोटे मंदिर थे। 1947
जैन मंदिर में मुल्तान से लाई गई कई मूर्तियाँ पूजी जा रही के विभाजन के बाद भी शहर के मध्य होने के कारण ये
हैं। इसके अलावा सियालकोट, भेरा (पेशावर के निकट),
खन्का देवरा (लाहौर के निकट 1926 में निर्मित), रामनगर मंदिर सलामत रहे, परन्तु बाबरी मस्जिद ढह जाने से
(अकलगढ़ के निकट), देरगाजी खान, काला बाग, बन्न पाकिस्तान में उभरे आक्रोश के चलते ये सभी मंदिर नष्ट कर दिये गये। पाकिस्तान के लाहौर संग्रहालय में अनेक
और जिरा में भी जैन मंदिर रहे हैं, जो खण्डहरों में परिवर्तित जैन मूर्तियाँ संग्रहीत हैं। इनमें से कुछ तो पूर्णतः अखण्डित
हो चुके हैं। तथा अधिक से अधिक सौ वर्ष पुरानी हैं। ये प्रतिमायें
यूनिवर्सल केबिल्स लिमिटेड, सतना म.प्र. 485005
कोल्ड ड्रिंक्स से कीटों का सफाया। पेप्सी या कोकाकोला में कीटनाशक की मौजूदगी के विवाद को याद कीजिए और जबलपुर की मझौली तहसील के कृषकों से मुलाकात कीजिये, जो कोल्ड ड्रिंक्स का इस्तेमाल इल्ली और कीटों के सफाए के लिए कर रहे हैं। इन कृषकों का दावा है कि पिछले साल जब पूरे प्रदेश में चने की फसल का इल्लियों ने सफाया कर दिया था, तब यहाँ के कृषकों ने प्रति एकड़ 8 बोरे चने की पैदावार ली थी। फिलहाल यहाँ के कृषक उड़द की फसल में लगे कीटों का खात्मा कोल्ड ड्रिंक्स के स्प्रे से कर रहे हैं। एक एकड़ के लिए 1.5 लीटर पेप्सी या कोकाकोला उपयोग होता है जबलपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर अन्धोरा गाँव के सभी कृषक 500 रुपए प्रति लीटर कीमत वाले कीटनाशक
वर्षों से कीटनाशक की बजाए कोल्ड ड्रिंक्स का ही उपयोग की जगह 35-40 रुपये प्रति लीटर वाले कोल्ड ड्रिंक्स का
कर रहे हैं। एक अन्य कृषक बब्बू यादव ने बताया कि डेढ़ प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। कृषक मनोज यादव बताते हैं
लीटर कोल्ड ड्रिंक्स का उपयोग एक एकड़ के लिए करते कि 3 वर्ष पूर्व जब उनके खेत में चना लगा हुआ था तो
हैं और हर फसल में लगने वाले कीट, इल्लियाँ, फफूंद उन्होंने इल्लियों पर आधा पिया कोकाकोला उड़ेल दिया
इसके आगे बेदम हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामवासियों था। संपर्क में आते ही इल्लियां मर गईं। और उस वर्ष
ने कोल्ड ड्रिंक पीना भी छोड़ दिया है। दूसरी ओर पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर नतीजे मिले। बाद में
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान अन्य फसलों में लगे कीट और फफूंद पर भी उन्होंने
विभाग के अध्यक्ष डॉ. ए. के. खत्री का कहना है कि इसका प्रयोग किया और सफलता मिलने पर अन्य कृषकों
इल्लियाँ या कीटों के मरने की वजह कोल्ड ड्रिंक में को जानकारी दी। अन्धोरा गाँव मझौली तहसील में इन्द्राणा
उपयोग किया गया कोई तत्त्व नहीं बल्कि स्प्रेयर से तेजी कस्बे के समीप है। यहाँ के कृषक तेजीलाल भी पिछले दो
से निकलने वाला स्प्रे भी हो सकता है।
(जबलपुर अक्टूबर, भास्कर से साभार)
अक्टूबर 2004 जिनभाषित 23
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