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घोषित करवाने के लए प्रयास जारी हैं। कई राज्यों के राज्य। बा. ब्र. श्री पवन भैया द्वारा दिन में दो बार आचार्य अल्पसंख्यक आयोगों ने जैन समाज को धार्मिक अल्पसंख्यक कुलभद्राचार्य स्वामी विरचित 'सार समुच्चय' का एवं संध्या आ. घोषित करने की राज्य सरकार से संतुति की है। कुछ राज्यों में | पूज्यपाद स्वामी द्वारा विरचित 'सर्वार्थ सिद्धि' का अध्ययन करवाया चुनाव हो जाने के पश्चात् सफलता मिलने के आसार हैं। पाण्डिचेरी | गया। बा.ब्र. कमल भैया ने दोपहर में स्तुति निकुंज' का लयबद्ध
ासित राज्यों ने केन्द्र सरकार से जैन समाज को | पाठ कराया। पं. मूलचन्द जी लुहाडिया द्वारा आचार्य पूज्यपाद अल्पसंख्यक घोषित करने के लिए अनुमोदन माँगा है। हर्ष का स्वामी विरचित 'समाधितंत्र शतक' का अध्ययन करवाया गया। विषय है कि इसमें सम्पूर्ण जैन समाज का सहयोग मिल रहा है। बा. ब्र. श्री चक्रेश जी ने छोट-छोटे बच्चों को बाल बोध भाग १,
डॉ. विमल जैन | २ एवं ३ का पाठ कराया। भाग्योदय, सागर से पधारे बा.ब्र. डॉ. ऐशबाग, लखनऊ
श्री नवीन भैया द्वारा प्रातः पांच बजे से ध्यान एवं योग का शिक्षण अहिंसा इन्टरनेशनल पुरस्कारों हेतु नाम अभ्यास करवाया गया। इस शिविर में भाग लेने काफी संख्या में आमंत्रित
बाहर से शिविरार्थी पधारे थे जिनमें पटना, जयपुर, उदयपुर, कोटा, प्रतिवर्षानुसार अहिंसा इन्टरनेशनल द्वारा वर्ष २००३ के| जबलपुर, सागर, शाजापुर, भोपाल, जगाधरी, औरंगाबाद, नागपुर, निम्न पुरस्कारों के लिये प्रस्ताव आमंत्रित हैं।
मुम्बई, सूरत, लालगोला, अडंगाबाद, धुलियान, कोलकाता आदि १. अहिंसा इन्टरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वरलाल जैन |
एवं स्थानीय इसरी बाजार के लोग प्रमुख थे। इनमें शिविर के प्रति साहित्य पुरस्कार (राशि ३१,000/-) जैन साहित्य के विद्वान को
काफी उत्साह था। उनके हिन्दी एवं अंग्रेजी के समग्र साहित्य अथवा एक कृति की इस अवसर पर शिविर प्राचार्य पं. मूलचन्द जी लुहाड़िया श्रेष्ठता के आधार पर।
का सम्मान आश्रम के मंत्री श्री शांति लाल जी सेठी (पटना), लिखित पुस्तकों की सूची तथा २ श्रेष्ठ पुस्तकें भेजें।
सहायक मंत्री श्री कैलाश चन्द जैन (इसरी बाजार) एवं ट्रस्टी २. अहिंसा इन्टरनेशनल भगवानदास शोभालाल जैन | संयोजक श्री नरेश कुमार जैन (पटना) ने किया। त्यागी व्रतियों शाकाहार तथा जीवदया एवं रक्षा पुरस्कार (राशि २१,000/-) का सम्मान श्रीफल एवं आश्रम की स्मारिका भेंट कर किया गया। रचनात्मक जैन पत्रकारिता की श्रेष्ठता के आधार पर।
पारसनाथ रेलवे स्टेशन के पूर्व प्रबन्धक श्री अभय कुमार जैन ने नाम का सुझाव स्वयं लेखक/कार्यकर्ता संस्था अथवा अन्य घोषणा की कि पारसनाथ स्टेशन पर भगवान पार्श्वनाथ के विशाल व्यक्ति द्वारा १० फरवरी २००४ तक निम्न पते पर लेखक/कार्यकर्ता एवं भव्य चित्र को लगाने की स्वीकृति रेल प्रशासन द्वारा मिल गई पत्रकार के परे नाम व पते, जीवन परिचय संबंधित क्षेत्र में कार्य | है जिसका स्वागत करतल ध्वनि से किया गया। विवरण सहित व पासपोर्ट आकार के २ फोटो सहित आमंत्रित हैं।
आश्रम के संयोजक श्री हरिप्रसाद जी पहाडिया पुरस्कार नई दिल्ली में लगभग अप्रैल २००४ में भव्य समारोह में | (कतरासगढ़)ने आश्रम की प्रगति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित भेंट किये जायेंगे।
किया एवं बाहर से पधारे लोगों के उत्साह को देखते हुये षष्ठम प्रदीप कुमार जैन, सचिव | शिविर (दिनांक २५ अप्रैल से २ मई २००४) की घोषणा की एवं
दिल्ली - 110006 | लोगों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने को आमंत्रित पंचम आत्म-साधना शिक्षणशिविर सानन्द किया। मंच संचालन श्री सुरेश कुमार जैन (इसरी बाजार) एवं श्री सम्पन्न रतनलाल जैन नृपत्या (जयपुर) ने किया।
शांति लाल जैन, मंत्री षष्ठम शिविर २५ अप्रैल से २ मई २००४
इसरी बाजार परमपावन तीर्थराज सम्मेदशिखर जी के पादमूल, ईसरी
'बुन्देल खण्ड के जैन तीर्थ' ग्रन्थ का म.प्र. के बाजार स्थित पूज्य क्षुल्लक १०५ श्री गणेश प्रसाद जी वर्णी एवं श्री जिनेन्द्र जी वर्णी की साधना एवं समाधि स्थली श्री पार्श्वनाथ
___मुख्य मंत्री द्वारा लोकार्पण दिगम्बर जैन शांति निकेतन उदासीन आश्रम के सुरम्य वातावरण
भोपाल, नव वर्ष के शुभारंभ पर प्रसिद्ध हिन्दी कवि श्री में प.पू. आचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से
कैलाश मड़बैया की नवीनतम कृति 'बुन्देलखण्ड के जैन तीर्थ' सिद्धान्त रत्न न्यायरत्न बा.ब्र. श्री पवन भैया एवं श्री कमल भैया का लोकार्पण म.प्र. की मुख्यमंत्री सुश्री उमाभारती द्वारा एक भव्य एवं अन्य ब्रह्मचारीगणों के सान्निध्य में पंचम आत्म साधना शिक्षण समारोह में किया गया। इस अवसर पर उमा भारती ने लेखक श्री शिविर का आयोजन दिनांक ३० नवम्बर से १४ दिसम्बर तक मड़बैया जी का सतत उत्कृष्ट सृजन के लिये साल और श्रीफल से हुआ जिसके प्राचार्य थे सुप्रसिद्ध विद्वान पं. मूलचन्द्र जी लुहाड़िया सम्मान किया। जैन समाज के प्रतिष्ठित पदाधिकारियों और (किशनगढ़) राजस्थान।
बुन्देलखण्ड के प्रमुख साहित्यकारों ने भी मुख्यमंत्री जी का प्रथम
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जनवरी 2003 जिनभाषित
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