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| रही है।
अमरकंटक में आ.श्री विद्यासागर जी के ससंघ | भी आयोजित किया गया है। महोत्सव में लगभग दो लाख लोगों सान्निध्य में जैन कुंभ की भव्य तैयारियाँ ।
के पहुंचने की उम्मीद है, इसी प्रकार व्यवस्थायें की जा रही हैं।
महोत्सव के लिए दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता, अहमदाबाद, पटना से मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के उद्गम स्थल
विशेष रलेगाड़ियां चलाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा अमरकंटक में६ नवम्बर २००३ को विशाल जैनकुंभ' का आयोजन
म.प्र. एवं छत्तीसगढ़ राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सान्निध्य
महोत्सव में आने वाले वाहनों को तीन दिन के लिए परमिट शुल्क में किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने देश के
से मुक्त रखा जाये। इस महोत्सव में यात्रियों को ठहराने, उनके महामहिम उपराष्ट्रपति श्री भैरोसिंह शेखावत सहित लाखों जैन
भोजन व्यवस्था के लिए अनुभवी कार्यकर्ताओं की टीम बनाई जा अनुयायियों के अमरकंटक पहुँचने की संभावना है। आचार्य श्री की प्रेरणा से अमरकंटक में अक्षरधाम की
रवीन्द्र जैन (पत्रकार) तर्ज पर विशाल सर्वोदय तीर्थ का निर्माण किया जा रहा है। यहां
१०- बी. प्रोफेसर कॉलोनी, भोपाल १४४ फीट ऊंचा, ४२४ फीट लम्बा, १०१ फीट चौड़ा मंदिर तेजी से आकार ले रहा है। लगभग ३०० मजदूर पिछले दो वर्ष से वंशी गाय का दूध पीएं चैन की नींद सोए पहाड़ (राजस्थान) के गुलाबी पत्थरों को तराशकर इस विशाल
सुनने में यह बात भले ही अटपटी लगे किन्तु ब्रिटेन के जिनालय को आकार दे रहे हैं।
वैज्ञानिकों की बात पर विश्वास करें तो यह उन लोगों के लिये लगभग बीस करोड़ की लागत से बनने वाले इस मंदिर | बहुत अच्छी खबर है, जो रात में अच्छी नींद लेने के लिये तरसते के वास्तुविद् भी अक्षरधाम मंदिर बनाने वाले श्री सी.बी. सोमपुरा रहते हैं और नींद की गोलियां निगलने के बाद कभी चिंतामुक्त ही हैं। इस मंदिर में भगवान आदिनाथ की २४ हजार किलोग्राम गहरी नींद नहीं ले पाते, वैज्ञानिकों का कहना है रात को सोते वजन की अष्टधातु की विशाल प्रतिमा बनकर तैयार हो गई है तथा समय एक गिलास गाय का दूध पीने से बहुत अच्छी नींद आती अमरकंटक पहुंच गई है। इस प्रतिमा के लिये १८ हजार किलोग्राम
है। ब्रिटेन के एक डेयरी फार्म ने ऐसा दूध लांच किया है, जो वजनी कमल सिंहासन भी अष्टधातु का बनाया गया है जो कि | अनिद्रा के शिकार व्यक्तियों के लिये रामबाण दवा के समान अहमदाबाद से तैयार होकर अमरकंटक पहुंच रहा है। साबित हो रहा है। ब्रिटेन के 'रेड व्हाइट फार्म' नामक इस डेयरी
इस जिनालय के निर्माण के लिए लगभग चार एकड़ भूमि | फार्म में गायों का दूध (स्लम्बर बेडटाइम मिल्क) दिन के बजाय ली गई है तथा जमीन में तीस फीट खुदाई करके उसमें मजबूत
रात के समय दुहा जाता है ताकि उसमें नींद लाने वाला तत्व पत्थरों से नींव तैयार की गई है ताकि यह मंदिर हजारों वर्षों तक | मेलेटोनिन अधिक मात्रा में हो, वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन में जैन धर्म की पताका फहरा सके। मंदिर के निर्माण में लोहा, सीमेंट दूध दुहने से इसमें मेलेटोनिन का स्तर अपेक्षाकृत कम रहता है का उपयोग कतई नहीं किया जा रहा है बल्कि चूना, गुड़, उड़द, |
जबकि रात के समय यह काफी बढ़ जाता है। यह तत्व शरीर की बेलपत्री, गोंद आदि के मसाले से पत्थरों की जुड़ाई की जा रही | घड़ी को नियंत्रित करता है और अनिद्रा को दूर भगाता है। है। इस विधि से बनने वाला भवन हजारों वर्षों तक मजबूती से
आलू से भी हो सकता है कैंसर खड़ा रहा सकता है।
जर्नल ऑफ फूड केमिस्ट्री में प्रकाशित एक रिपोर्ट के ६ नवम्बर २००३ को आयोजित इस भव्य समारोह के
अनुसार पहले यह माना जाता था कि कैंसर बढ़ाने वाला तत्व अवसर पर आदिनाथ भगवान की प्रतिमा जिनालय के सिंहासन
एक्रिलामाइड सिर्फ तम्बाकू में ही पाया जाता है, लेकिन हाल के पर विराजमान की जायेगी। इस कार्य के लिए एक विशेष क्रेन
शोधों से यह ज्ञात हुआ है कि एक्रिलामाइड अधिक पकाये गये अमरकंटक में लगाई गई है। क्रेन के लिये पटरी आदि बिछा दी
आलुओं में भी उपस्थित रहता है, जो कैंसर को उत्पन्न करता है। गई है। इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने देश के उपराष्ट्रपति
रिपोर्ट में बताया गया है कि आलू को खूब भूनकर खाना जाय या महामहिम श्री भैरोसिंह जी शेखावत को मुख्य अतिथि के रूप में
फ्रेंच फ्राई या चिप्स के रूप में खाया जाये तो इससे न सिर्फ आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़
मोटापा ही बढ़ता है, बल्कि धमनियों में रक्त प्रवाह में बाधा तथा राजस्थान के राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों को भी विशिष्ट अतिथि
उत्पन्न होकर कैंसर का भी खतरा बढ़ा सकता है। के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है। महोत्सव की शुरूआत ५ नवम्बर २००३ को आचार्यश्री
दैनिक भास्कर, ६ जुलाई, २००३ . के मंगल आशीर्वाद से होगी। इसी दिन सर्वोदय तीर्थ का सम्मेलन
32 सितम्बर 2003 जिनभाषित
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