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ARRERAPRA
मिडकी गाँव में था तथा अवंतीबाई सागर परियोजना के डूब क्षेत्र ।। में आ गया था। इस पहल से राज्य सरकार ने मंदिर पुननिर्माण के लिए 33.80 लाख रुपये तत्काल रिलीज करने के आदेश दिए हैं।
रवीन्द्र जैन, पत्रकार
भोपाल एलोरा में पिच्छी-परिवर्तन समारोह
प.पू. 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की सुशिष्या पू. 105 आर्यिका अनन्तमति एवं प.पू. 105 आर्यिका आदर्शमति
- माताजी का 28 आर्यिकाओं 20 संघस्थ ब्रह्मचारिणी बहनों तथा 65 प्रतिभामंडल की बहनों के साथ चातुर्मास महाराष्ट्र स्थित श्री पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम गुरुकुल एलोरा में सानन्द सम्पन्न हुआ। इस चातुर्मास समापन पर दि. 10/11/02 रविवार को पिच्छीपरिवर्तन
मूल कार्यक्रम 'पिच्छी परिवर्तन के संचालन हेतु कार्यक्रम समारोह मनाया गया जिसमें महाराष्ट्र एवं अन्य प्रांतों के बहुत से
के सूत्र आर्यिका निर्मलमतीमाता जी को सौंपे गये। मानो आचार्य श्रद्धालुओं की उपस्थिति थी।
श्री का आशीर्वाद पाकर बड़े आनन्द के साथ नई पिच्छी अपनी दि. 10/11/2002 रविवार को पिच्छियों का गाँव में जुलूस
चोंच में धारण कर नृत्य करता हुआ मयूर माताजी के पास पहुँचता, निकाला गया। इसी अवसर पर चातुर्मास स्थापना कलश श्री निर्मल
पिच्छी देकर फिर से दूसरी पिच्छिका लेने हेतु आचार्य श्री के पास कुमार जी निशांत कुमार जी ठोले के घर तथा ज्ञानसागर कलश श्री
जाता- इस कल्पना को साकार करने का सफल प्रयास श्री शांतिलालजी संदीप कुमार जी अजमेरा के घर ससम्मान पहुँचाया
वसंतरावजी मनोरकर द्वारा किया गया। नई पिच्छी का विमोचन गया। इस जुलूस में प्रतिभा मंडल की बहनें तथा अन्य स्थानों से
विभिन्न स्थानों से आये हुए प्रतिष्ठितों द्वारा किया गया। सभी आये हुए मेहमान बड़ी संख्या में उत्साह के साथ उपस्थित थे। ।
आर्यिकायें अपनी पिच्छी आर्यिका अन्तमती माताजी को सौंपतीकार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिभा मंडल की बहनों द्वारा गाये
पश्चात् नई पिच्छिका संयम धारण किए हुए श्रावकों द्वारा प्रदान गये सुमधुर मंगलाचरण से हुआ। तदुपरांत फोटो-अनावरण-दीप
की जाती। पश्चात संयम धारण किए हुए अन्य श्रावक-श्राविकाओं प्रजवलन-2 शास्त्रप्रदान की इस प्रकार 4 बोलियाँ हुई। आचार्यश्री
को पुरानी पिच्छी आर्यिका अनन्तमति माताजी प्रदान करतीं। इस के फोटो का अनावरण, ध. श्री महावीर कुमार जी विजयकुमार
प्रकार पिच्छी परिवर्तन कार्य पूरे संयममय मांगलिक वातावरण में जी काला, कोपरगाँव द्वारा तथा दीपप्रज्ज्वलन का कार्य ध. श्री
सम्पन्न हुआ। सूत्र संचालन में आर्यिका आदर्शमती एवं आर्यिका
निर्मलमती माताजी द्वारा वैराग्य प्रेरक दोहे- तात्त्विक चर्चाविमलकुमार जी भंवरलाल जी पारणी बहाणपुर के करमलों से
उपदेश दिया गया। पिच्छी परिवर्तन कार्यक्रम की विशेषता यह हुआ। तदोपरांत प.पू. आर्यिका अनन्तमती माताजी को ध. श्री
रही कि पिच्छी प्रदान करने की या ग्रहण करने की बोली नहीं की बाबुलाल जी कासलीवाल तथा प.पू. आदर्शमति माताजी को ध.
गई बल्कि संयमधारण करने वालों को ही दी गई। श्री प्रमोदकुमार जी अंकेश कुमार जी जैन, कुम्भराज जि. गुना
अंत में आर्यिका अनन्तमती माताजी का पिच्छी की महत्ता (म.प्र.) द्वारा शास्त्रभेंट किया गया। पश्चात् संस्था सचिव श्री
बतानेवाला मार्मिक वैराग्यमय प्रवचन हुआ। इस प्रवचन में ही पन्नालाल जी गंगवाल ने अपने प्रास्ताविक में संस्था का परिचय
माताजी ने इस सफल चातुर्मास के संयोजकों की भूरि-भूरि तथा चातुर्मास की सानन्द समाप्ति के लिए प्रसन्नत व्यक्त की।
प्रशंसा की। गुरुकुल में अध्ययन करने वाले छात्रों की तरफ समाज चातुर्मास कमेटी के संयोजक डॉ. प्रेमचन्द्र जी पाटणी ने अपने
को विशेष ध्यान देने की प्रेरणा पूरे चातुर्मास में माताजी द्वारा की प्रास्ताविक में पिच्छीपरिवर्तन कार्यक्रम की रूपरेखा एवं सम्पूर्ण
गई। चातुर्मास व्यवस्था का उल्लेख किया।
जिनवाणी स्तुति के बाद संस्था अध्यक्ष श्री तनसुखलालजी प्रतिभा मंडल की बहनों को अध्ययन कराने हेतु भोपाल
| गणेशलालजी ठोले द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। धर्मलाभ लेने से पधारे हुए पं. श्री रतनचन्द्र जी जैन का स्वागत श्री पन्नालाल जी | हेत् पधारे अतिथियों को सुबह का भण्डारा ध. श्री राजकुमार जी जैन द्वारा किया गया। अपने मनोगत में पं. रतनचद्र जी ने इस | काला, गलज तथा सायं का भण्डारा श्री दि. जैन पंचायत, लासूर चातुर्मास को "न भूतो न भविष्यति" की उपमा दी। इसी अवसर | द्वारा दिया गया। पर पंडित जी द्वारा सम्पादित 'जिनभाषित' मासिक पत्रिका का | कार्यक्रम का सूत्रसंचालन प्रधानाध्यापक श्री निर्मलकुमार विमोचन संस्था उपाध्यक्ष श्री वर्धमान जी पाण्डे के द्वारा किया | जी ठोले तथा पर्यवेक्षक श्री गुलाबचंद बोरालकर द्वारा किया गया। इस अवसर पर मासिक पत्रिका के 24 नए सदस्य भी बने। | गया। विद्यामंदिर के स्टॉफ, संयोजक एवं विश्वस्तों के परिश्रम 30 दिसम्बर 2002 जिनभाषित
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