________________
उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं आसाम में हो रहा है। प्राचीन तीर्थ | को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है। अतएव समाज से निवेदन है अचल तीर्थ हैं, जिनकी देखभाल करना जरूरी है, उसी प्रकार चलते कि ऐसे कार्यक्रमों में अपना योगदान देकर अपने व अपने बच्चों के तीर्थ याने आचार्य-मुनिसंघ, आर्यिका माताएँ भी उतने ही पूजनीय | भविष्य को सुरक्षित करें। देश व समाज पर होने वाले घोर अन्याय है, उनके द्वारा लिखे शास्त्र का संरक्षण करना उतना ही जरूरी है, | से अपनी रक्षा करें। विशेष जानकारी के लिये सम्पर्क सूत्र - कारण जिन आचार्यों ने हस्तलिखित शास्त्र द्वारा जैन धर्म के सिद्धान्तों | आरक्षण समाप्ति अभियान (संयुक्त संस्था) मंच, आर-10ए, पर जो उपदेश दिये, यदि उनका संरक्षण नहीं किया गया तो अपनी ग्रीन पार्क एक्सटेंशन, नई दिल्ली- 110016, फोन- 6197656, अमूल्य धरोहर नष्ट हो जावेगी। उन्होंने कहा कि आज भी जहाँ-जहाँ | 916391111, 6516600, 6565299, www.indiandeभट्टारकों की गद्दी रही वहाँ हजारों की संख्या में हस्तलिखित शास्त्र | mocracy.org, E-mail:info@indiandemocracy.org. उपलब्ध हैं, जैसे कि नागौर, ईडर, सागवाड़ा, खंभात, ऋषभदेव,
निर्मल कुमार सेठी, अध्यक्ष कारंजा, जयपुर आदि-आदि। महासभा ने प्राचीन तीर्थों के जीर्णोद्धार
श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (धर्म संरक्षिणी) महासभा कार्य को सँभाला है। अब हमारे कर्मठ अध्यक्ष महोदय का प्राचीन
50 वर्षों से देश के 20 करोड़ लोग शास्त्रों के संरक्षण की तरफ ध्यान गया है, और उसी के अंतर्गत इस पहले शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें शास्त्र संरक्षण वैज्ञानिक चुनाव लड़ने से वंचित रहे पद्धति से किस प्रकार किया जाये, यह बताया जा रहा है।
आरक्षण मुक्ति यात्रा का आगमन आज तीर्थ संरक्षिणी महासभा के अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार जी सेठी ने कहा कि आज का दिन बहुत वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आया है।
जबलपुर 9 सितम्बर। आरक्षण समाप्ति अभियान 2001 के हम इसके लिये बहुत समय से प्रयासरत थे किन्तु अब समय आ
तहत राष्ट्रीय स्तर की आरक्षण मुक्ति यात्रा देश का भ्रमण करती हुई गया है। आज किसी ऐसी एजेंसी की आवश्यकता है जिससे हमारे
10 सितम्बर को जबलपुर आ रही है। सायं 6 बजे मानस भवन, प्राचीन शास्त्रों की सुरक्षा के प्रयास हो सकें। ईडर से पधारे श्री कनकभाई
जबलपुर में आरक्षण यात्रा के राष्ट्रीय स्तर के विद्वान अपने विचार दोषी ने कहा कि शास्त्र संरक्षण की वर्कशाप से हम यहाँ से जो कुछ
जनता के समक्ष रखेंगे। जिसमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री विपिनचन्द्र सीख कर जायेंगे उसके बाद एक शिविर ईडर में भी तीन दिवसीय
वर्मा, पूर्व न्यायाधीश श्री पी.सी. पाठक, पूर्व न्यायाधीश श्री के.एल. करायेंगे। उसके लिये हम सभी को आमंत्रित करते हैं।
इसराणी भी विचार रखेंगे। आरक्षण मुक्ति यात्रा स्वागत समिति, सुधेश जैन
जबलपुर इकाई के संयोजक हैं, बद्रीप्रसाद अग्रवाल तथा एच.एस.
श्रीवास्तव आरक्षण मुक्ति यात्रा स्वागत समिति जबलपुर इकाई के आरक्षण समाप्ति अभियान (संयुक्त संस्था)
अध्यक्ष बनाये गए हैं। मंच द्वारा आयोजित
__ आरक्षण मुक्ति यात्रा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, म.प्र., आरक्षण मुक्ति यात्रा आयोजन में सहयोग करें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि क्षेत्रों का भ्रमण करेगी। जारी बयान केन्द्र सरकार ने आरक्षण बाबत संविधान समीक्षा हेतु एक
में कहा गया है कि राजनैतिक पार्टियों की वोट की राजनीति ने आरक्षण कमीशन की नियुक्ति की है जिसमें आरक्षण कब तक रखा जाय,
को एक अभिशाप बना दिया है। संविधान में 79वें संशोधन के द्वारा किसे, किसको, कितना आरक्षण दिया जाय व कहाँ कहाँ आरक्षण
भारत सरकार ने आरक्षण की अवधि सन् 2010 तक बढ़ा दी है, लागू किया जाये- इन प्रश्नों पर विचार-विमर्श चल रहा है। उच्चतम
इतना ही नहीं संविधान समीक्षा आयोग की आड़ लेकर उसके न्यायालय ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को दिये गये
प्रस्तावित सुधारों के माध्यम से आरक्षण को अनुसूचित जाति एवं आरक्षण के अधिकार को वापस नहीं लिया जा सकता, ऐसा निर्णय
अनुसूचित जनजाति के लिये मूल अधिकार बनाने की साजिश रची दिया है। प्राईवेट सेक्टर की बड़ी औद्योगिक शैक्षणिक संस्थाओं में
जा रही है। आरक्षण को मूल अधिकार बना देने पर आरक्षण अनंत भी आरक्षण लागू करने हेतु सरकार ने कमीशन को सुझाव दिया है।
काल के लिये लागू हो जाएगा तथा किसी भी न्यायालय में इसके साथ में सरकारी नौकरियों में योग्यता के मापदण्ड को समाप्त कर
विरुद्ध कोई याचिका भी दायर नहीं की जा सकेगी। उच्चतम दिया जाये आदि अनेक प्रश्नों पर विचार चल रहा है। जिनका पूरी
न्यायालय, उच्च न्यायालयों ने आरक्षण के प्रतिशत की सीमा निर्धारण शक्ति से विरोध किया जाना चाहिए। इन प्रश्नों के अलावा अनेक
आदि को लेकर जो प्रतिबंध लगाये हैं, वे अपने आप समाप्त हो प्रश्न हैं जिन पर विचार विमर्श हेतु तथा अपनी बात को केन्द्र तथा
जायेंगे। आरक्षण देश के नागरिकों के समानता के अधिकार का विरोधी राज्य सरकार के पास पहुँचाने हेतु तथा अपने को संगठित करने हेतु
है। जारी बयान में कहा गया है कि न्यायोचित यही है कि देश के एक आरक्षण मुक्ति यात्रा का आरंभ आरक्षण समाप्ति अभियान
सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हों। अतः आज की (संयुक्त संस्था) मंच द्वारा दिनांक 5 सितम्बर को हो रहा है। यह
आवश्यकता है कि जनता आरक्षण के विरुद्ध न केवल जागरूक हो यात्रा दिल्ली. जोधपुर, टोक, बूंदी, कोटा, झालावाड़, उज्जैन, इंदौर,
वरन् संगठित होकर इसका विरोध करे। देवास, आष्टा, भोपाल, इटारसी, बैतूल, मुलताई, नागपुर, सियोनी,
आरक्षण समाप्ति अभियान संयुक्त संस्था मंच द्वारा कहा गया लखनादौन, जबलपुर, कटनी, मैहर, रीवा, माऊगंज, गढ़चकघाट
है कि पिछले 50 वर्षों से देश की 20 करोड़ से अधिक जनता को इलाहाबाद, रायबरेली आदि जगहों पर होती हुई 13 सितम्बर 2001
संविधान के अनुच्छेद 334 द्वारा चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित दोपहर 1 बजे लखनऊ आ रही है।
रखा गया है, यह है जनता की चुप्पी का नतीजा। वर्तमान सरकार महासभा, महासमिति व परिषद् ने मुक्ति यात्रा के कार्यक्रम
द्वारा गठित संविधा समीक्षा आयोग ने जब राय जानने हेतु जो सुझाव
-सितम्बर 2001 जिनभाषित 29
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org