________________
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
उदयमडन
[वि० सं० १५१४ में उत्तराध्ययनसूत्र अवचूरि के
प्रतिलिपिकार ]
उदयधर्म
वि० सं० १५०७ में
वाक्यप्रकाश
औक्तिक के रचनाकार
रामसहस्रशिष्य वि० सं० १५१६ में जम्बूरास के कर्त्ता
रत्नचूलामहत्तरा प्रवर्तिनी विवेक श्री
उदयधर्म
वि.सं. १४८१-१५१७ प्रतिमालेख
मंगलधर्म
(वि० सं० १९५२५ में मंगलकलशरास
के रचनाकार)
उदयवालभरि
वि० सं० १५२० में लगभग क्षेत्रसमास बालावबोध के कर्त्ता, वि. सं. १५१९२१ प्रतिमालेख
माणिक्यसुन्दरगणि
चारित्रसुन्दरगणि
वि.सं. १५०१ वि० सं० १४८४या भवभावनासूत्रबाला १४८७ शीलदूतकाव्य और वबोध के रचनाकार वि० सं० १४८७ में
कुमारपालचरित के रचनाकार, वि. सं.
१५२३ प्रतिमालेख
माणिक्यरत्न
वि० सं० १५२० प्रतिमालेख
ज्ञानसागरसूरि [विमलनाथचरित्र तथा अन्य कृतियों के रचनाकार,
वि० सं० १५२२-५३ प्रतिमालेख]
शीलसागर
डूंगरकवि
उदयसागरसूरि
वि० सं० १५३२ - १५५३ प्रतिमालेख
दयासिंहगणि महत्तराधर्मलक्ष्मी इनके पठनार्थ वि० सं० १५१६ में उत्तराध्ययनसूत्र की प्रतिलिपि की गयी
लब्धिसागर
वि.सं. १५५६ में ध्वजभुजंगकुमार चौपाई,
वि.सं. १५५७ में श्रीपालकथा आदि के कर्ता वि० सं० १५५१-८८ प्रतिमालेख
Vol. III-1997-2002
तपागच्छ - बृहद्बौबालिक शाखा
३३७