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शिवप्रसाद
Nirgrantha
३६. द्रष्टव्य-संदर्भक्रमांक २४. ३७. मोहनलाल मेहता और हीरालाल रसिकलाल कापडिया - जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ४, पार्श्वनाथ विद्याश्रम
ग्रन्थमाला-१२, वाराणसी १९६८ ई., पृष्ठ २१७. ३८. भोगीलाल सांडेसरा-वस्तुपाल का साहित्य मंडल और संस्कृत साहित्य को उसकी देन; पृष्ठ ८९. ३९. राजवली पाण्डेय-हिन्दुधर्मकोश लखनऊ १९८८ ई., पृष्ठ ५१३-१४. ४०. मेहता और कापडिया, पूर्वोक्त, पृष्ठ २१७. ४१. अम्बालाल प्रेमचन्द शाह-जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ५, पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला १४, वाराणसी १९६९
ई., पृष्ठ १९७. 42. H. R. Kapadia. Padmananda Mahakavya Introduction, Pp 31-33.
श्यामशंकर दीक्षित-तेरहवीं चौदहवीं शताब्दी के जैन संस्कृत महाकाव्य जयपुर १९६९ ई. स., पृष्ठ २५४-२५६. ४३. प्रबन्धकोश "अमरचन्द्रकविप्रबन्ध" पृष्ठ ६१-६३. ४४. सांडेसरा, पूर्वोक्त, पृष्ठ ८९. ४५. दीक्षित, पूर्वोक्त, पृष्ठ ३०३-३०४. ४६. गुलाबचंद चौधरी-जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ६, पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला, ग्रंथांक २०, वाराणसी १९७३,
ई. स., पृष्ठ ७६-७७.
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