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________________ शिवप्रसाद Nirgrantha १५३४ माघ सुदि.. शुक्रवाराभ. प्रसन्नचन्द्रसूरि के शांतिनाथ की पट्टधर नयचन्द्रसूरि चौबीसी प्रतिमा का - लेख जैन मंदिर, भिनाय विनयसागर, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ७८२. १९. १५८५ (१५९४ ?) ज्येष्ठ सुदि ६ | जयशेखरसूरि | वासुपूज्य की धातु नेमिनाथ जिनालय, नाहटा, पूर्वोक्त, की पंचतीर्थी प्रतिमा सेठियों का वास, | लेखाङ्क २३२६. का लेख । बीकानेर १५९५ माघ वदि २ बुधवार जयसिंहसूरि अजितनाथ की धातु शांतिनाथ जिनालय, वही, लेखाङ्क २५३४. की पंचतीर्थी प्रतिमा हनुमानगढ़, बीकानेर का लेख १६१६ माघ सुदि ११ धनचन्द्रसूरि, उपाध्याय कमलकीर्ति आदि | विमलवसही आबू मुनि जयन्तविजय, पूर्वोक्त, लेखाङ्क १५५, माघ सुदि ११ विमलवसही आबू वही, लेखाङ्क २०६. धनचन्द्रसूरि, उपाध्याय कमलकीर्ति आदि उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर इस गच्छ के कुछ मुनिजनों की गुरु-परम्परा की एक तालिका इस प्रकार बनायी जा सकती है: नयचन्द्रसूरि (प्रथम) [वि० सं० १२८७] प्रसन्नचन्द्रसूरि [वि० सं० १३७९] जयसिंहसूरि वि० सं० १४१७] प्रसन्नचन्द्रसूरि (द्वितीय) नयचन्द्रसूरि (द्वितीय) [वि० सं० १४८३-१५०६] जयचन्द्रसूरि [वि० सं. १५३४] लक्ष्मीसागरसूरि [वि० सं० १५२४] जयसिंहसूरि [वि० सं० १५२१-३२] जयसिंहसूरि [वि० सं० १५९५] अभिलेखीय साक्ष्यों द्वारा निर्मित इस तालिका में नयचन्द्रसूरि, प्रसन्नचन्द्रसूरि और जयसिंहसूरि ये तीन नाम कुमारपालचरित Jain Education Intemational Jain Education Interational For Private & Personal Use Only For Private & Person www.jainelibrary.org
SR No.522701
Book TitleNirgrantha-1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, Jitendra B Shah
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year1995
Total Pages342
LanguageEnglish, Hindi, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Nirgrantha, & India
File Size10 MB
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