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शिवप्रसाद
Nirgrantha
१- प्रतिमालेख
क- थारापद्रगच्छीय मुनिजनों द्वारा प्रतिष्ठापित जिनप्रतिमायें एवं उन पर उत्कीर्ण लेखों का विवरण
१. १०८४ चैत्र पूर्णिमा | शांतिभद्रसूरि के | आदिनाथ की आदिनाथ | अम्बालाल प्रेमचंद शाह,
पट्टधर पूर्णभद्रसूरि प्रतिमा के परिकर जिनालय जैनतीर्थसर्वसंग्रह, खंड १,
का लेख रामसेन (उत्तर भाग १, पृष्ठ ३९
गुजरात)
|१११०| चैत्र सुदि १३ | शालिभद्रसूरि के | अजितनाथ की | अजितनाथ | N.C. Mehta, “A Meपट्टधर पूर्ण भद्रसूरि प्रतिमा का लेख | जिनालय, | diaeval Jain Image of
झवेरीवाड़, | Ajitanath", Indian अहमदाबाद Antiquary Vol LVI,
1927, P.72-74
३. [११] फाल्गुन वदि १/ शालिभद्रसूरि पार्श्वनाथ की प्रतिमा आदिनाथ जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, सोमवार
का लेख | जिनालय,
| भाग-२, सं० मुनि माणेकचौक, बुद्धिसागर, लेखाङ्क १०१२
खंभात
४. ११५७ वैशाख सुदि
सुपार्श्वनाथ की | जैन मंदिर प्रतिमा का लेख रांतेज
प्राचीनजैनलेखसंग्रह,
भाग-२, सं० मुनि जिनविजय,लेखाङ्क ४६६
वही, लेखाङ्क ४६७
पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख
६. १२६५ आषाढ़ सुदि ५/
शालिभद्रसूरि
महावीर की प्रतिमा लेख
मोतीसा का | प्रतिष्ठालेखसंग्रह, सं० मंदिर, रतलाम विनयसागर, लेखाङ्क-४८
७. १२९८, .....शुक्रवार
सर्वदेवसूरि
शिलालेख
U.P. Shah, "A Documentary from mount Shatrunjay", Journal of The Royal Asiatic Society of Bombay, Vol. xxx, pt. 1, pp. 100-113
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